"होनहार बिरबान के होत चिकने पात" यह कहावत 13 साल की तनिष्का सुजीत पर फिट बैठती है जिन्होंने इतनी कम उम्र में ऐसा कारनामा कर दिखाया जो कोई सोच भी नहीं सकता। इंदौर की रहने वाली तनिष्का पहली ऐसी लड़की हैं, जो आंखों पर पट्टी बांधकर ना सिर्फ रुबिक्स क्यूब सुलझा लेती हैं बल्कि उनका दावा है कि वह पढ़ और लिख भी सकती हैं।
12 साल की उम्र में पास की 12वीं क्लास
वहीं, पढ़ाई -लिखाई में भी उनका कोई जवाब नहीं, तभी तो उन्होंने महज 11 साल की छोटी-सी उम्र में उन्होंने 10वीं और12 साल की उम्र में ही 12वीं कक्षा पास कर ली, वो भी अच्छे नंबरों से। 5वीं तक रेगुलर पढ़ाई करने के बाद उन्होंने राज्यपाल की खास अनुमति लेकर सीधे 10वीं कक्षा में एडमिशन ली। इसी तरह 12वीं में एडमिशन लेकर 62.8% अंकों से परीक्षा पास की।
13 साल की उम्र में ली बीए में एडमिशन
अब उन्हें कॉलेज में एडमिशन लेने की पात्रता हो गई है। उन्हें इंदौर के देवी अहिल्या यूनिवर्सिटी के सोशल साइंस विभाग में B.A. में एडमिशन मिला है और तनिष्का ने कॉलेज जाना भी शुरू कर दिया है। भले ही तनिष्का को बीए में एडमिशन मिल गया हो लेकिन वह B.A. L.L.B करके जज बनना चाहती है। इसके लिए वह अनुमति का इंतजार कर रही हैं। तनिष्का की मां ने राज्यपाल या मुख्यमंत्री से इसके लिए अनुमति भी मांगी है।
एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में दर्ज नाम
आंखों पर पट्टी बांधकर पढ़ और लिख सकने के लिए उनका नाम एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स और इंडिया बुक ऑफ रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया जा चुका है। इसके अलावा उन्हें मालवा रत्न से भी सम्मानित किया जा चुका है। तनिष्का इतनी टैलेंटेड है कि उन्हें हिंदी, अग्रेंजी के अलावा तेलुगू, उड़िया, बंगाली, मलयालम, कन्नड़, उर्दू समेत 10 भाषाओं की समझ है।
कोरोना वायरस के कारण हुई पिता की मौत
खास बात तो यह है कि तनिष्का ने घर पर ही रहकर अपनी पढ़ाई पूरी की, जिसमें उनके पिता ने उनकी मदद की। हालांकि कोरोना वायरस के कारण पिछले साल जुलाई में उनके पिता का निधन हो गया। ऐसे में यूनिवर्सिटी के अधिकारी उनकी हर संभव मदद कर रहे हैं।
रिपोर्ट - इंदौर- गौरव कंछल