नारी डेस्क: नासा की प्रसिद्ध अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स अंततः 9 महीने के लंबे समय के बाद धरती पर लौट आई हैं। सुनीता ने इस दौरान अपने समय का अधिकांश भाग अंतरिक्ष के अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन (ISS) में बिताया। स्पेस स्टेशन में रहते हुए भी, उन्हें भारत की याद लगातार आती रही।
महाकुंभ का जिक्र और सुनीता की खुशी
सुनीता विलियम्स के परिवार ने बताया कि वह इस बार भारत आने का प्लान बना रही हैं। उनकी भाभी, फाल्गुनी पंड्या ने बताया कि सुनीता ने उनसे महाकुंभ के बारे में बात की थी। महाकुंभ का नाम सुनकर सुनीता बेहद खुश हो गई थीं और उन्होंने अपनी भाभी से महाकुंभ की तस्वीरें भेजने की भी इच्छा जताई थी। यह साफ दिखाता है कि भारतीय संस्कृति और महाकुंभ के प्रति उनका बहुत लगाव है।
सुनीता का आध्यात्मिक जुड़ाव
सुनीता विलियम्स के परिवार ने यह भी बताया कि वह भारत के साथ गहरे भावनात्मक जुड़ाव में हैं। भारतीय संस्कृति से उनका प्यार और आस्था बहुत गहरी है। एक दिलचस्प बात यह है कि, अंतरिक्ष में अपनी यात्रा के दौरान, सुनीता अपने साथ भगवान गणेश की मूर्ति लेकर गई थीं। वह गणेश जी को अपना लकी चार्म मानती हैं और उनके साथ यात्रा करना उन्हें शुभ लगता है। इसके अलावा, सुनीता पहले भी अपनी अंतरिक्ष यात्रा के दौरान भगवद्गीता, शिवजी की मूर्ति और ओम का प्रतीक लेकर गई थीं, जो उनकी आध्यात्मिकता को दर्शाता है।
9 महीने 14 दिन बाद धरती पर लौटे सुनीता और बुच विल्मोर
सुनीता विलियम्स और उनके साथी अंतरिक्ष यात्री बुच विल्मोर ने 9 महीने और 14 दिन तक अंतरिक्ष स्पेस स्टेशन पर समय बिताया। इस लंबे समय के बाद, उनका रॉकेट बुधवार, 19 मार्च, 2025 को सुबह 3.28 मिनट पर फ्लोरिडा के तट के पास मेक्सिको की खाड़ी में स्प्लेशडाउन हुआ। इस दौरान, उन्हें पैराशूट के जरिए सुरक्षित रूप से पृथ्वी पर उतारा गया।

इन 9 महीनों के दौरान, सुनीता और उनके साथी ने अंतरिक्ष में कई महत्वपूर्ण मिशनों को अंजाम दिया। उनके इस 17 घंटे के सफर के बाद वे धरती पर वापस आए।
नासा का स्प्लेशडाउन वीडियो
नासा ने इस स्प्लेशडाउन का वीडियो भी जारी किया, जिसमें देखा जा सकता है कि सुनीता और बुच को स्ट्रेचर पर बाहर निकाला जा रहा था। उनका स्वागत अंतरिक्ष मिशन के दौरान किए गए उनके योगदान के लिए किया गया।

यह पूरी घटना एक और बड़ी सफलता के रूप में इतिहास में दर्ज हुई है, क्योंकि सुनीता विलियम्स ने अपनी यात्रा से न केवल अंतरिक्ष के रहस्यों को समझने की कोशिश की, बल्कि भारतीय संस्कृति और आध्यात्मिकता को भी दुनिया के सामने रखा।