सत्य साईं बाबा को सभी धर्मों के लोग बेहद आदर- सत्कार देते थे। उन्होंने अपने अनमोल वचनों से लोगों को जिंदगी जीने का एक नया रास्ता बताया। उनके अनुसार जीवन में हर एक व्यक्ति का यह कर्तव्य है कि वे अपनी आजीविका के लिए सभी आवश्यक चीजों तक सही तरीके से पहुंच सके। उनके विचार सभी के लिए प्रेरणादायक थे। तो चलिए आज उनकी पुन्य तिथि पर जानते हैं उनके कुछ अनमोल वचन...
बड़ी-बड़ी हस्तियां थी बाबा की भक्त
आम इंसान से लेकर नामचीन हस्तियां भी उनकी मुरीद थी। जिनमें पूर्व प्रधानमंत्री नरसिम्हाराव, अटल बिहारी वाजपेयी, मनमोहन सिंह, पूर्व राष्ट्रपति अब्दुल कलाम, अशोक सिंधल और आरएसएस के लगभग सभी बड़े नेता उनके दरबार में हाजिरी लगाने जाते थे। यहां तक की भारत के वर्तमान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी उनके भक्त थे। भारतीय क्रिकेट के सुनिल गवास्कर, पूर्व कप्तान और भगवान कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर के दिल में बाबा का खास स्थान था।
. ईश्वर पर विश्वास रखें
ईश्वर ही सब कुछ करने वाले हैं। इसलिए उन पर अपना अटूट विश्वास बनाए रखें। साथ ही सच्चे मन से अपना-अपना कर्म करते रहने चाहिए।
. सभी से प्रेम से रहो
किसी के साथ लड़ाई-झगड़े में पड़ने की जगह प्रेम से रहो। हाथ ही जरूरत पड़ने पर किसी की मदद करने से पीछे नहीं हटना चाहिए।
. देना सीखों
गुरु जी के अनुसार व्यक्ति को हमेशा दूसरों की मदद में जुटे रहना चाहिए। उसे किसी से कुछ पाने के लालच के बिना देना सीखना चाहिए।
. दिन भर खुश रहो
सच्ची प्रभु भक्ति पाने के लिए दिनभर भगवान का नाम जपते रहना चाहिए। दिन की शुरुआत और अंत प्रेम, प्यार और खुशहाली से करना चाहिए।
. तीन बातें कभी न भूलें
जीवन में 3 बातों को हमेशा याद रखें। पहली- इस संसार पर कभी विश्वास न करों। दूसरा- हमेशा उस ईश्वर को याद रखो। तीसरा- मौत एक दिन सभी की आएगी। इसलिए इससे न डरो।
. मुझ पर विश्वास रखो
सत्य साईं बाबा अपने भक्तों को हमेशा कहते थे कि, मुझ पर विश्वास रखो। तुम अगर मेरी तरह 1 कदम आओगे तो मैं तुम्हारी रक्षा करने के लिए 100 और कदम चलूंगा।
. प्रभु भक्ति है सबसे ऊपर
बाबा जी का कहना था कि, हम जो भी कर्म करते हैं वो हमारे विचारों से पैदा होते हैं। इसलिए हमेशा अच्छे चीजों और विचारों को ही सोचें।
. अंहकार नहीं प्रेम को अपनाओं
कभी भी किसी चीज पर घमंड न करो। असल में अंहकार में जीत किसी चीज को लेने और भूलने में हासिल की जाती है। इसकी जगह प्रेम में जीत देने और माफ करने में हासिल की जाती है।
. प्रेमपूर्वक कर्तव्य निभाएं
सभी काम, कर्तव्य प्रेम और धैर्य से निभाने चाहिए। बिना प्रेम से किया कोई भी काम निंदा के बराबर है।
समय के आगे चलो
सभी कामों को पूरी निष्ठा, कर्तव्य से करना चाहिए। हमेशा किसी भी काम को समय से पहले और आराम से करें। साथ ही सुरक्षित व सही करें।
. धन से ज्यादा चरित्र जरूरी
कभी भी धन के पीछे नहीं भागता चाहिए। यह तो जीवन में आता- जाता रहता है। हमेशा साफ मन और कार्यक्षमता के मुताबिक सभी काम करें। क्योंकि पैसे की हानि की भरपाई हो सकती है। सेहत खराब हुई तो परेशानी का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही चरित्र पर दाग लगा तो वो भी उम्र भर लगा रहेगा।
वाणी में लाएं नम्रता
भले आप इतने अमीर नहीं की किसी की मदद कर सको। मगर सभी के साथ आदर, विनम्रतापूर्वक व्यवहार कर उससे अच्छे संबंध स्थापित करें।
राष्ट्र भक्त बनो
जिस देश में रहते हो उसके कानूनों, नियमों का हमेशा पालन करो। अपने देश को दिल से प्यार करो।
मन साफ रखें
अपने मन में किसी के लिए हीन भावना न रखें। अगर आपका मन साफ होगा तो आपका चरित्र सदा सुंदर रहेगा। चरित्र साफ होने से घर और देश सुख, समृद्धि और खुशहाली बनी रहेगी। इससे विश्व में शांति स्थापित रहेगी।