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पोलियों से लड़कर पैरालंपिक तक पहुंची सकीना खातून, दिल छू लेगी हौंसले की कहानी

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 26 Aug, 2021 05:24 PM
पोलियों से लड़कर पैरालंपिक तक पहुंची सकीना खातून, दिल छू लेगी हौंसले की कहानी

कहते हैं कि अगर कुछ कर दिखाने की चाह तो कोई भी मुश्किल या शारीरिक दिव्यंगता रास्ता नहीं रोक पाती। इस बात को सच कर दिया है 32 साल की पैरा-एथलीट सकीना खातून ने। वह पोलियों से लड़कर पैरालंपिक में क्वालीफाई करने वाली पहली महिला पावरलिफ्टर हैं। इसके अलावा वह इकलौती ऐसी पैरा-एथलीट महिला खिलाड़ी हैं, जिन्होंने राष्ट्रमंडल खेलों में पदक जीता। चलिए आपको बताते हैं सकीना की इंस्पायरिंग स्टोरी।

किसान पिता के बेटी को बचपन से खेलों का शौक

20 जून 1989 को बैंगलोर में जन्मीं सकीना खातून के पिता पेशे से एक किसान हैं। वह बेहद कम उम्र में ही पोलियों की शिकार हो गई थी, जिसके कारण वो दिव्‍यांगता से ग्रस्‍त हो गई। उनके पिता अक्सर सकीना के भविष्य को लेकर परेशान रहते थे लेकिन उन्हें छोटी उम्र से ही खेलों का शौक था। इसी शौक ने उन्हें कुछ अलग करने के लिए प्रेरित किया।

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पोलियों के कारण करवानी पड़ी 4 सर्जरियां

उनकी स्वास्थ्य स्थितियों और पोलियो से बचने के लिए डॉक्टरों की सलाह पर उन्हें 4 सर्जरी से गुजरना पड़ा। चूंकि तैराकी शरीर में अधिकांश मांसपेशियों को मजबूत करने में मदद करती है, इसलिए डॉक्टरों ने उन्हें तैराकी का सुझाव दिया था। उन्होंने बताया, "तैराकी मेरे लिए काफी फायदेमंद साबित हुई लेकिन मैं इसे राष्ट्रीय स्तर की चैंपियनशिप का माध्यम नहीं बना सकी। फिर, भारत के प्रसिद्ध पावरलिफ्टर्स फरमान बाशा से मिलने के बाद मेरे दिमाग में पावरलिफ्टिंग का ख्याल आया।"

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ट्रेनिंग के दौरान झेली कई परेशानियां

2010 में 12वीं कंपलीट करने के बाद उन्होंने पावरलिफ्टिंग में ट्रेनिंग लेनी शुरु की। उनका प्रशिक्षण सत्र सुबह शुरू होता था और दो घंटे तक चलता था। वह शाम को दो घंटे फिर से प्रशिक्षण लेती थी। पोलियों के कारण उन्हें कई परेशानियों का सामना भी करना पड़ा।

देश के लिए जीता रजत पदक

आखिरकार उनकी मेहनत रंग लाई और उन्हें 2014 में राष्ट्रमंडल खेलों के लिए चुना गया, जहां उन्होंने कांस्य पदक जीता। उन्होंने दुबई में पैरा पावरलिफ्टिंग विश्व कप में 80kg भार उठाकर 45kg वर्ग में रजत पदक जीत देश का नाम रोशन कर चुकी हैं।

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मिल चुके हैं कई सम्मान

इसके बाद उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा और एक के बाद एक कई पदक देश के नाम किए। 2018 में, इंडोनेशिया के जकार्ता में आयोजित एशियाई पैरा खेलों में उन्होंने दूसरा स्थान हासिल किया था। 2016 अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस के अवसर पर चेन्नई में द ब्रू मैगज़ीन द्वारा आयोजित 2016 BREW पुरस्कारों में 9 अन्य महिलाओं के बीच सकीना खातून को सम्मानित किया गया।

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