
आज महिलाएं घर में हो घर से बाहर कहीं भी सुरक्षित नहीं है। कुछ दिन पहले हैदराबाद में महिला डॉक्टर के साथ हुई घटना ने पूरे देश को हिला कर रख दिया था, लेकिन देश को लोग शुक्रवार सुबह काफी खुश दिखाई दिए। जब इस केस के आरोपियों को पुलिस द्वारा मार दिया गया। वहीं उसी दिन उन्नाव बलात्कार पाड़िता जब अपने केस की सुनवाई के लिए रायबरेली से घर से निकली तो आरोपी ने अपने दोस्तों के साथ मिलकर उस पर केरोसिन छिड़क कर जला दिया था। जिसके बाद अभी तक उनका इलाज चल रहा है और वह आईसीयू में भर्ती हैं।
भारत में महिलाओं के प्रति बढ़ते हुए दरिंदगी के केस को देखते हुए लोगों द्वारा लगातार महिला सुरक्षा के लिए सरकार से मांग की जा रही थी। लोगों की मांग को पूरा करते हुए और महिला सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है। सरकार द्वारा आदेश दिए गए जिसके तहत देश भर के सभी थानों में महिला हेल्प डेस्ट बनाया जाएगा। इसके बाद वीरवार देर शाम गृह मंत्रालय ने इसके लिए निर्भया फंड से 100 करोड़ देने का निर्णय लिया है।

अनिवार्य होगी महिलाकर्मी की तैनाती
इस आदेश के अनुसार महिला हेल्प डेस्क में महिला पुलिसकर्मी की ही तैनाती की जाएगी। पुलिसकर्मियों को प्रशिक्षण दिया जाएगा कि किस तरह से वह पुलिस स्टेशन में अपनी समस्या लेकर पहुंचने वाली महिला के साथ संवेदनशीलता से बात करें। इसके साथ ही यहां पर कानूनी सहायता, परामर्श, आश्रय, पुनर्वास और प्रशिक्षण आदि की सुविधा देने के लिए वकीलों, मनोवैज्ञानिकों, गैर सरकारी संगठनों और विशेषज्ञों के पैनल को सूचीबद्ध करेगी। इन सभी का इस्तेमाल पीड़ित महिलाओं की सहायता में किया जाएगा।

सभी राज्यों में लागू होगी यह योजना
केंद्र सरकार द्वारा हर राज्य और केंद्रशासित प्रदेश में यह योजना लागू करने का फैसला लिया गया है। 2012 में दिल्ली गैंगरेप और मर्डर की घटना के बाद सरकार ने 2013 में निर्भया फंड की स्थापना की थी। जिसे महिलाओं की सुरक्षा के लिए प्रयोग किया जाएगा।
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