हमारे समाज में आज भी लोगों की सोच आज भी यही है कि महिलाओं की जगह किचन और घर में ही। वहीं, अगर कोई पढ़ी-लिखी ना हो तो लोगों को लगता है कि यह महिला क्या करेगी। मगर, लोगों की इन्हीं धारणाओं को गलत साबित कर रही है 5वीं पास किसान संतोष देवी, जो अपनी मेहनत और हुनर से आज लाखों रुपए कमा रही है। चलिए आज हम आपको बताते हैं किसान संतोष देवी की प्ररेणादायक कहानी...
सिंदूरी अनार की खेती करती हैं संतोष
राजस्थान के सीकर और झुंझनूं जीले की सीमा के बीच स्थित छोटे से गांव बेरी में रहती हैं संतोष देवी खेदड़, जो आजकल चर्चा का विषय बनी हुई है। दरअसल, संतोष करीब सवा एकड़ जमीन पर सिंदूरी अनार की खेती करके लाखों की कमाई कर रही हैं। उनकी सलाना कमाई करीब 25 लाख रु. है। वह बीज जोतने, खाद बनाने से लेकर अनार को मंडी तक ले जाने का काम खुद करती हैं।
विरासत में मिले खेती के गुर
खास बात तो यह है कि प्रतिकूल मौसम और भौगोलिक स्थिति होने के बाद भी उनकी खेती काफी अच्छी हो जाती है। आपको जानकर हैरानी होगी कि आज लाखों की मालकिन संतोष ने सिर्फ 5वीं कक्षा तक ही पढ़ाई की हैं। वह बहुत छोटी थी जब उन्होंने खेती का काम शुरू कर दिया था। 15 साल की उम्र में उनकी होमगार्ड की नौकरी वाले व्यक्ति से शादी कर दी गई, जो महीने में सिर्फ 3 हजार रु कमाते थे।
भैंस बेचकर लगवाया नलकूप
तब साल 2008 में संतोष ने अनार की खेती करने की सोची। उन्होंने अपनी भैंस बेचकर पैसे इकट्ठे किए और खेत में नलकूप लगवाई। खेतों में बिजली नहीं आती थी तो उन्होंने उसे जनरेटर से कनेक्ट कर दिया। इसके बाद उन्होंने 220 सिंदूरी अनार के पौधे लगाकर सिंचाई शुरू की। साल 2011 में पौधे फल देने लगें, जिसके बाद संतोष ने उन्हें बेचना शुरू किया। इससे उनकी अच्छी-खासी कमाई होने लगी। फिर क्या संतोष ने रूकने का नाम नहीं लिया।
लाखों में है संतोष की कमाई
वह एक साल में अनार के करीब 15 हजार पौधे बेचकर 10 से 15 लाख रु की कमाई कर लेती हैं। बता दें कि वह पौधों के लिए जैविक खाद भी खुद ही बनाती हैं। यही नहीं, पौधों को कीड़े ना लगे इसके लिए वह कीटनाशक में गुड़ मिला देती हैं।
संतोष देवी की खुद की वेबसाइट भी
नए जमाने की किसान संतोष देवी ने 'Sikar Rajasthan Woman Farmer' (शेखावाटी कृषि फार्म) नाम से एक वेबसाइड भी बनाई है, जिसमें वो खेती से जुड़ी जानकारी सांझा करती हैं। यही नहीं, वह अपने खेती के लिए पारंपरिक के साथ नए हाईटेक तरीके भी अपनाती हैं। उन्होंने अपनी बेटी की शादी में कन्यादान के रूप में 500 और बारातियों को अनार के पौधे भेंट किए थे।
कृषि वैज्ञानिक का मिल चुका है खिताब
संतोष की इस बढ़िया सोच के लिए उन्हें कृषि वैज्ञानिक तक का खिताब मिल चुका है। यही नहीं, कृषि मंत्री ने उन्हें 1 लाख रु का इनाम दिया। दूर-दूर से किसान उनसे खेती के गुर सीखने के लिए भी आते हैं।