हार्ट अटैक एक दम होने वाली ऐसा शारीरिक घटना है, जिसके कारण व्यक्ति मौत की दहलीज तक पहुंच जाता है। गलत खान-पान और लाइफस्टाइल न केवल अधिक उम्र बल्कि 30 साल की उम्र वाले लोग भी अटैक का शिकार हो रहे हैं।
हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट कब, किसे और कहां आ जाए इस बारे में कहा नहीं जा सकता। हालांकि ज्यादातर मामलों में लोगों को बाथरूम में ही अटैक आने की खबर सुनने को मिलती है। कई नामी हस्तियां जैसे श्रीदेवी, को भी बाथरूम में ही अटैक आने की खबरें सुनी गई थी। क्या आपने कभी सोचा है कि बाथरूम में ही ज्यादातर अटैक क्यों आता है। चलिए आपको बताते हैं कि बाथरूम में क्यों ज्यादा पड़ता है दिल का दौरा...
नहाते वक्त ब्लड प्रेशर का बढ़ना या घटना
नहाते वक्त शरीर का ब्लड प्रेशर प्रभावित होने की वजह से अटैक आ सकता है, जिसका कारण.
. अचानक गर्म या ठंडा पानी के नीचे जाना
. बॉडी को साफ करने में ज्यादा जोर लगाना
. जल्दीबाजी या दोनों पैरों के सहारे ज्यादा देर तक बैठेकर नहाना
. बॉथटब में ज्यादा देर बैठे रहने की वजह से हार्ट रेट और धमनियों पर असर पड़ता है, जिससे हार्ट अटैक व कार्डियक अरेस्टकी संभावना बढ़ जाती है।
सिर पर ठंडा पानी डालना
एक्सपर्ट के मुताबिक, स्नान करते समय पहले तलवे, फिर सिर और उसके बाद बाकी हिस्सों पर पानी डालना चाहिए। दरअसल, जब ठंडा पानी सीधा सिर पर पड़ता है तो ब्लड प्रेशर कम हो जाता है जो हमारे लिए घातक साबित हो सकता है।
टॉयलेट का ज्यादा प्रेशर खतरनाक
एक्सपर्ट बताते हैं कि हार्ट अटैक और कार्डियक अरेस्ट का संबंध ब्लड सर्कुलेशन से भी होता है। शरीर की पूरी कार्य प्रणाली ब्लड सर्कुलेशन पर डिपेंड होती है। मगर, इंडियन टॉयलेट यूज करते समय लोग अधिक प्रेशर लगाते हैं या ज्यादा देर बैठे रहते हैं। इससे ब्लड सर्कुलेशन पर असर पड़ता है, जिससे दिल की धमनियों तक खून का दौरा बाधित हो जाता है। इसके कारण भी हार्ट अटैक या कार्डियक अरेस्ट हो सकता है।
हार्ट अटैक के लक्षण
. सीने में तेज दर्द
. चक्कर या उल्टी आना
. अशांत मन और बेचैनी
. सांस लेने में दिक्कत
. अधिक पसीना आना
. कमजोरी महसूस होना
. तनाव और घबराहट
हालांकि डायबिटीज के मरीजों में कभी-कभी ये लक्षण भी दिखाई नहीं देते और उन्हें Silent Heart Attack पड़ता है।
अगर अचानक आ जाए हार्ट अटैक तो क्या करें?
. अगर किसी व्यक्ति को अचानक हार्ट अटैक आ जाए तो सबसे पहले उसके टाइट कपड़े खोलकर जमीन पर लिटाएं और सिर को थोड़ा ऊपर कर दें। उनके हाथों -पैरों को रगड़ें , ताकि खून का दौरा दिल की तरफ हो। साथ ही एम्बुलेंस को फोन करके डॉक्टरी मदद बुलाए।
. अगर नब्ज नहीं चल रही है तो हॉस्पिटल पहुंचने तक सी.पी.आर. करें। मरीज को उल्टी आए तो उसका मुंह एक तरफ मोड़कर खोल दें ताकि उसका दम न घुटे।
. मरीज को सांस लेने पर तकलीफ हो तो नाक को उंगलियों से दबाकर अपने मुंह से उन्हें धीरे-धीरे सांस दें। 2-3 मिनट तक ऐसा करने से मरीज के फेफड़ों में हवा भर जाएंगी।