महिलाओं में थायराइड की समस्या आम देखने को मिल रही है। हार्मोन्स में गड़बड़ाहट के चलते औरतें इस समस्या का शिकार हो रही हैं। 40 के बाद तो 60 प्रतिशत महिलाओं में यह बीमारी अक्सर देखी ही जाती है। कुछ महिलाएं 30 की उम्र में ही इसकी चपेट में आ जाती है। आइए जानते हैं क्या है थायराइड की समस्या और इसके शुरुआती लक्ष्ण..
क्यों होता है थायराइड?
व्यक्ति के ग्ले में तितली के आकार जैसी एक थायराइड ग्रंथि होती है। जब महिलाओं के शरीर में उम्र को लेकर हार्मोन्स में बदलाव आते हैं, तो कई बार इस ग्रंथि पर भी उनका असर पड़ता है। यह ग्रंथि अपने आकार से थोड़ी बड़ी हो जाती है या फिर कह लीजिए इसमें सूजन पैदा हो जाती है। यह ग्रंथि तेजी से अपना काम करने लगती है। ऐसा होने से कुछ औरतों का वजन जरूरत से ज्यादा बढ़ जाता है, तो कई महिलाएं कुपोषण का शिकार लगने लगती हैं।
दिल का ख्याल रखती है थायराइड ग्रंथि
थायराइड ग्रंथि आपके शरीर में टी 3 और 4 हार्मोन का निर्माण करती है। जो आपके दिल, मांसपेशियों और कोलेस्ट्रोल लेवल को बैलेंस करने में मदद करता है। थाइराइड ग्रंथि में सूजन के चलते जब इन हार्मोन्स का निर्माण अच्छे से नहीं हो पाता, तो दिल से जुड़ी समस्याएं, बड़ा हुआ कोलेस्ट्रोल और मांसपेशियों में कमजोरी जैसी समस्याएं आपको घेर लेती हैं। शुगर पेशेंट्स को यह बीमारी बहुत जल्द अपना शिकार बनाती है। यह एक साइलेंट बीमारी है, जो आपके शरीर को धीरे-धीरे बहुत कमजोर बना देती है। ज्यादातर इसका पता देर से चलता है। मगर यदि शुरुआती लक्ष्णों पर ध्यान दिया जाए, तो इस समस्या को समय रहते कंट्रोल भी किया जा सकता है।
थायराइड के शुरुआती लक्ष्ण
- ग्ले में दर्द रहना
- हल्की सूजन
- कमजोरी महसूस करना
- नींद न आना
- अधिक प्यास लगना
- ग्ला सूखना
- पसीना आना
- दिमागी कमजोरी और चिंता
- त्वचा का रूखापन
- महिलाओं में पीरियड्स की अनियमितता
- मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द
- सीने में भारीपन महसूस होना इत्यादि इसके लक्ष्ण होते हैं।
थायराइड की समस्या में आपको अपनी डाइट का खास ध्यान रखना होता है। समस्या ग्ले से जुड़ी है तो यहां से गुजरने वाली हर चीज बीमारी पर खास असर दिखाई गई। तो आइए जानते हैं कैसी होनी चाहिए आपकी डेली खान-पान की रुटीन...
साबुत अनाज
थायराइड के मरीजों के लिए साबुत अनाज फायदेमंद साबित हो सकता है। साबुत अनाज में नार्मल आटे की तुलना में विटामिन, मिनरल्स, फाइबर और गुड-प्रोटीन जैसे पोषक तत्व अधिक पाए जाते हैं। जिस वजह से इसका सेवन करने से थायराइड के मरीजों की इम्यूनिटी स्ट्रांग होती है। साबुत अनाज के तौर पर जई, जौ, ब्रेड, ब्राउन-पास्ता, ब्राउन राइस और बेक्ड पापकॉर्न खा सकते हैं।
मछली
मछली में आयोडीन और ओमेगा 3 फैटी एसिड पाया जाता है। थायराइड के मरीजों के लिए इसका सेवन जरूरी और लाभदायक भी होता है। डाक्टर्स द्वारा इन पेशेंट्स अधिक आयोडीन युक्त डाइट खाने की सलाह दी जाती है।
मुलेठी
मुलेठी ग्ले के लिए फायदेमंद एक आयुर्वेदिक औषधि है। इसका सेवन करने से ग्ले की खांसी और अन्य समस्याएं दूर होती है। मुलेठी का इस्तेमाल करने से मरीजों को इस बीमारी के कारण होने वाली थकान को कम करने में भी मदद मिलती है। मुलेठी की एक डंडी आपको हर रोज मुंह में रखकर चबाते रहना चाहिए।
नट्स और सीड्स
थायराइड के मरीजों को ड्राई-फ्रू्ट्स का सेवन कम करना चाहिए। मगर काजू, बादाम और सूरजमुखी के बीज शरीर को ऊर्जा देने में मददगार होते हैं। इन्हें आप कुछ-कुछ मात्रा में ले सकते हैं। ये सीड्स एनर्जी का बेहतरीन स्रोत माना जाता है।