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कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती क्यों हो रहे हैं मरीज?

  • Edited By Janvi Bithal,
  • Updated: 01 Sep, 2020 01:40 PM
कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव आने के बाद भी अस्पताल में भर्ती क्यों हो रहे हैं मरीज?

कोरोना का रूप खतरनाक इसलिए होता जा रहा है क्योंकि इसके संक्रमण से ठीक हुए मरीज भी दोबारा इसका शिकार होने लगे हैं। ऐसे बहुत से केस हैं जो सामने आ रहे हैं जिसमें मरीज कोरोना से तो ठीक हो ही जाते हैं लेकिन फिर इसके बाद उन्हें थकान, सांस फूलना और ठीक से नींद न आने की प्रॉब्लम होने लगती हैं। 

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कोरोना से ठीक हुए मरीजों में दिखे यह लक्षण 

हमारे आस-पास से ऐसे बहुत से केस हैं जो सामने आ रहे हैं जिनमें संक्रमित मरीज ठीक होने के बाद भी उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे होते हैं। जैसे कि शरीर में थकान सी महसूस होने लगना, भूखार रहना, कमजोरी के कारण चक्कर आने लगना और जोड़ों का दर्द आदि। इन लक्षणों को पोस्ट कोविड लक्षण कहा जाता है। 

क्या है पोस्ट कोविड लक्षण ? 

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यह वो लक्षण होते हैं जो उन मरीजों में नजर आते हैं जो इससे ठीक हो चुके होते हैं लेकिन उनमें संक्रमण के बाद भी हल्के लक्षण दिखाई देने बंद नहीं होते हैं। इन हालातों पर अगर डॉक्टर्स की मानें तो उनका भी यही कहना है कि उनके पास ऐसे कईं मरीज आ रहे हैं जो कोरोना नेगेटिव हैं लेकिन फिर भी उनमें कोरोना के लक्षण दिखाई दे रहे होतें हैं ऐसे में उन्हें इलाज की भी जरूरत होती है। इसका एक उदाहरण अमित शाह भी हैं जो पहले कोरोना नेगेटिव आ गए थे लेकिन फिर बाद में उन्हें अस्पताल भर्ती करवाना पड़ा था। 

क्यों ठीक होने के बाद भी हो रही समस्या ? 

बहुत से लोगों के मन में अब इस वक्त यही सवाल होगा कि आखिर अगर एक मरीज कोरोना से ठीक हो चुका है और अगर उसकी कोरोना रिपोर्ट नेगेटिव हैं तो फिर उस मरीज में कैसे कोरोना के लक्षण  दिखाई दे सकते हैं दरअसल इस पर डॉक्टर्स का कहना है कि जिन मरीजों में कोरोना का संक्रमण ज्यादा होता है उतने ही ज्यादा लक्षण उस मरीज में ठीक होने के बाद नजर आते हैं। हालांकि अगर बात उन मरीजों की करें जिनमें हल्के लक्षण हैं उनमें भी कमजोरी रहती ही है लेकिन डॉक्टर्स का कहना यह भी है कि ऐसा जरूरी नहीं होता है कि कोरोना के यह लक्षण हर मरीज में नजर आएं। 

क्या कहते हैं माहिर ? 

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इस पर अगर माहिरों की सुनें तो कोरोना के कारण लोगों के न्यूरो सिस्टम भी असर पड़ता है इसका अर्थ है कि कोरोना होने बाद नसों में लकवा हो जाता है और फिर इसका असर कभी-कभी दिमाग पर भी पड़ता है और जिन मरीजों में दिमाग और फेफड़ों से जुड़ी शिकायत होती हैं उनमें कोरोना के लक्षण अधिक दिखाई देते हैं।  

इस वजह से दिखते हैं लक्षण 

डॉक्टरों की मानें तो संक्रमण से ठीक होकर दोबारा इसके लक्षण दिखाई देना कोई नई बात नहीं हैं क्योंकि ऐसे मामले सिर्फ इसी वायरस में देखने को नहीं मिले हैं बल्कि इससे पहले भी कईं वायरसों में इस तरह की बातें सामने आई हैं। इस स्थिती पर डॉक्टरों का कहना है कि इन लक्षणों का कारण होता है कि जब हमारा शरीर वायरस से लड़ने के लिए शरीर में बने एंटीजन इम्यून सिस्टम में इस तरह के बदलाव कर देता हैं फिर इस कारण से इम्यून सिस्टम अति प्रतिक्रिया करने लगता है और इसी के कारण ठीक हुए मरीज में  बुखार, बदन दर्द और अन्य समस्याएं होने लगती हैं। इसका अर्थ है कि जब किसी मरीज में वायरस खत्म भी हो जाता है तब उसमें  इनफ्लेमेट्री सेल्स और केमिकल बने रहते हैं और इम्यून सिस्टम की इस प्रतिक्रिया के कारण ही लक्षण बने रहते हैं।'

इतने दिन लगते हैं कोरोना के लक्षण ठीक होने में 

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इस पर डॉक्टर प्रवीण गुप्ता का कहना है कि कोरोना से ठीक हो चुके मरीजों को बाद में जो भी लक्षण दिखाई देते हैं उन्हें ठीक होने में कम से कम हफ्तों से लेकर दो से छह महीने भी लग सकते हैं। 

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