कई बार अचानक हिचकी और छींक आने लगती है। कभी-कभार तो यह एक या दो बार में ही ठीक हो जाती है लेकिन कुछ लोगों को हिचकियां और छीकें लंबे समय तक परेशान करती हैं। इसके कारण सांस लेने में दिक्कत, छाती दर्द, और पेट की मांसेपेशियां खिंचाव की समस्याएं होने लगती है। इसके कारण व्यक्ति का खाना-पीना भी मुश्किल हो जाता है।
सबसे पहले जानिए क्यों आती है हिचकी?
दिल और फेफड़े को पेट से करने वाली डायाफ्राम मांसपेशी पर जब किसी कारण दवाब पड़ता है तब हिचकी पैदा होती है। दवाब पड़ने की वजह से वोकल कॉर्ड्स अचानक बंद हो जाता है और हिच जैसी आवाज निकलने लगती है, जिसे हिचकी कहा जाता है। बता दें कि यही मांसपेशी श्वसन में भी अहम भूमिका निभाती है।
1 मिनट में 4 से 60 बार आ सकती है हिचकी
आमतौर पर बच्चों को ज्यादा हिचकी आती है लेकिन बढ़ती उम्र के साथ यह कम हो जाती है। शोध की मानें तो एक व्यक्ति को एक मिनट में 4 से 60 बार लगातर हिचकी आ सकती है। आयोवा (Iowa) के चार्ल्स ऑसबोर्न (Charles Osborne) ने तो अपनी पूरी जिंदगी हिचकियों के साथ। 28 साल की उम्र में उन्हें अचानक हिचकियां शुरु हो गई जो 68 साल की उम्र तक उनके साथ रहीं। उन्हें हर एक मिनट में 40 बार हिचकियां आती थीं। जब उनकी हिचकियां बंद हुईं और तो अगले ही दिन उनकी मौत हो गई। उन्हें अपनी पूरी जिंदगी में 595 मिलियन बार हिचकी आई, जिसके लिए उनका नाम गिनीज बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड्स में भी दर्ज किया गया है।
मां के गर्भ से शुरू हो जाती है हिचकी
एक्सपर्ट की मानें तो व्यक्ति को मां के गर्भ में ही हिचकी आना शुरु हो जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जब अल्ट्रासाउंड के वक्त 17 या 18 हफ्ते के भ्रूण को हिचकी लेते हुए देखा गया। आमतौर पर ऐसा फेफड़े विकसित होने की वजह से होता है इसलिए इसमें घबराने की कोई बात नहीं है।
48 घंटे से कम समय पर हिचकी आने के कारण
48 घंटे से कम समय पर हिचकी आने का कारण कार्बोनेटेड युक्त फूड्स या ज्यादा भोजन खाना, शरीर में पानी की कमी, शराब पीना हो सकता है। इसके अलावा हिचकी आने के कुछ और कारण भी होते हैं जैसे...
. शरीर के तापमान में बदलाव
. ज्यादा पानी पीना
. किसी चीज को लेकर एक्साइटेड होना या तनाव
. भोजन अच्छी तरह ना निगलना।
. इसके अलावा पेट बहुत ज्यादा भरा या एसिडिटी हो तो भी हिचकी आ जाती है।
वहीं, अगर हिचकी 48 घंटे से ज्यादा देर तक बनी रहे तो इसका कारण
. नसों में जलन या किसी तरह की हानि
. गले में खराश व सूजन
. गैस्ट्रोएसोफागीयल रिफ्लक्स
. पाचन संबंधी रोग
. गर्दन में ट्यूमर या गांठ
. केंद्रीय तंत्रिका तंत्र में कैंसर, इंफेक्शन या चोट
. ट्यूमर, स्ट्रोक
. दिमाग में किसी तरह की चोट
. मेनिनजाइटिस. एन्सेफेलाइटिस
. मल्टीपल स्क्लेरोसिस
इसके अलावा लंबी अवधि तक हिचकी आने का कारण डायबिटीज, फेफड़ों की बीमारी, एंटी-डिप्रेशन दवाएं, बेहोशी, इलेक्ट्रोलाइट असंतुलन हो सकती है।
हिचकी के घरेलू उपाय
. पीनट बटर
हिचकी आने पर एक चम्मच पीनट बटर खाएं। इससे मांसपेशियों उसे निगलने में लग जाएंगी और हिचकी रुक जाएंगी।
. ठंडे पानी
तुरंत 1 गिलास ठंडा पानी पीएं या उससे गरारे करें। अगर इससे भी हिचकियां नहीं रूकती तो आइसक्यूब्स मुंह में रखकर धीरे-धीरे चूसते रहें।
. दालचीनी
दालचीनी के एक टुकड़े को मुंह में रखकर कुछ देर तक चूसने से भी हिचकियां आनी बंद हो जाती हैं।
. काली मिर्च
हिचकी को रोकने के लिए काली मिर्च का चूर्ण बनाकर शहद के साथ खाएं। इससे आपकी हिचकियां तुरंत रूक जाएगी।
. नींबू
शराब, एरेटेड ड्रिंक्स पीना या स्मोकिंग की वजह से हिचकी आए तो नींबू का टुकड़ा मुंह में रखकर चूसें। लेकिन ऐसा ज्यादा ना करें नहीं तो दांत खट्टे हो जाएंगे।
अगर घरेलू नुस्खे से भी हिचकियां बंद ना हो तो इसे हल्के में ना लें और एक बार डॉक्टर से संपर्क जरूर करें।