भगवान शिव के कई नाम हैं। भोलेनाथ, नीलकंठ, जटाधारी, त्रिपुरारी, अर्धनारीश्वर। कहते हैं भगवान शिव की जो भक्त सच्चे दिल से आराधना करते हैं शिवजी उन पर अपनी कृपा जरुर बरसाते हैं और भक्तों को मनचाहा वरदान देते हैं। आपने कई बार देखा होगा कि भोलेनाथ हर समय ध्यान मुद्रा में होते हैं परंतु क्या आपके मन में कभी यह सवाल नहीं आया कि शिवजी आखिर किसका ध्यान करते हैं। तो चलिए आज आपको बताते हैं कि शिवजी के आराध्या कौन हैं जिनका वह हर समय ध्यान करते रहते हैं...
अमर हैं नाथों के नाथ भोलेनाथ
पद्म पुराण और शिवपुराण की मानें तो शिव जी सृष्टि की शुरुआत से हैं और वह अंत तक रहेंगे। शिवजी आदि भी हैं और आनंत भी। त्रिदेवों में भी शिव ही परम शक्ति हैं जो सभी देवताओं के आराध्य माने जाते हैं। मान्यताओं के अनुसार, ब्रह्मा जी के आंसुओं से भूत प्रेतों का निर्माण हुआ है और मुख के तेज से रुद्र का। वहीं भूत प्रेतों को भी शिवजी का गण ही माना जाता है। सृष्टि के रचायिता भी स्वंय शिव हैं उन्होंने ही आदिशक्ति के साथ मिलकर सृष्टि में लोगों का जीवन संभव बनाया था।
ये हैं शिवजी के आराध्य
शिव पुराण में इस बात का भी वर्णन है कि वह हर समय किसके ध्यान में रहते हैं। मान्यताओं के अनुसार, भगवान शिव श्रीराम का ध्यान लगाते हैं। इसके अलावा एक कथा में भी यह बताया गया है कि एक बार मां पार्वती ने शिव जी के ध्यान से उठने के बाद उन्हें पूछा था कि आप तो स्वंय ही देवों के देव हैं इसलिए आपको देवाधिदेव कहा जाता है लेकिन आप समाधि में बैठकर किसका ध्यान करते हैं। तब शिवजी ने मां पार्वती से कहा था कि इसका जवाब जल्द ही देंगे। इसके बाद भगवान शिव कौशिक ऋषि के सपने में आए और ऋषि कौशिक को राम रक्षा स्त्रोत लिखने के लिए कहा।
राम रक्षा स्त्रोत में भी है इस बात का वर्णन
तब ऋषि कौशिक ने सपने में भगवान शिव से प्रार्थना की और उनसे कहा कि वह राम रक्षा स्त्रोत लिखने में सक्षम नहीं है। इसके बाद भगवान शिव ने ऋषि कौशिक को ज्ञान प्राप्त की शक्ति दी। ज्ञान प्राप्त करके ऋषि कौशिक ने राम रक्षा स्त्रोत लिखा। इसके बाध भगवान शिव ने मां पार्वती को राम रक्षा स्त्रोत पढ़कर सुनाया और बताया कि वह विष्णु के अवतार श्रीराम का ध्यान करते हैं। क्योंकि राम नाम का एक जाप विष्णु जी के हजारों नाम के बराबर हैं। इसलिए राम जी को शिवजी आराध्य माना जाता है।