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ऐश्वर्या,आराध्या की एंटीजन व स्वैब टेस्ट में क्यों आया अंतर, जानिए दोनों में फर्क

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 14 Jul, 2020 02:37 PM
ऐश्वर्या,आराध्या की एंटीजन व स्वैब टेस्ट में क्यों आया अंतर, जानिए दोनों में फर्क

दुनियाभर में फैल चुका कोरोना वायरस अब बॉलीवुड में कहर मचा रहा है। एक्टर अमिताभ बच्चन व अभिषेक बच्चन के बाद ऐश्वर्या राय बच्चन व आराध्या बच्चन की भी कोरोना टेस्ट रिपोर्ट पॉजिटिव पाई गई। बता दें कि पहले बच्चन परिवार के सभी सदस्यों का रेपिड एंटीजन टेस्ट किया गया था, जिसमें सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई। मगर, जब सभी का स्वैब टेस्ट किया गया तो ऐश्वर्या व अराध्या कोरोना पॉजिटिव निकलें। इसके बाद से ही उन्हें होम क्वारंटाइन करने की सलाह दी गई है।

मगर, हर कोई इस बात से हैरान है कि आखिर उनकी एक रिपोर्ट नेगेटिव और दूसरी पॉजिटिव कैसे आई। चलिए आपको बताते हैं कि आखिर इसकी वजह क्या है।

एंटीजन टेस्ट और स्वैब टेस्ट में फर्क

कोरोना वायरस की जांच के लिए एंटीजन और स्वैब टेस्ट (RT-PCR) टेस्ट किया जाता है। एंटीजन टेस्ट के जरिए 'स्पाइक प्रोटीन' की जांच की जाती है, जिसकी सतह पर वायरस मौजूद होता है। जबकि स्वैब टेस्ट में मरीज का सेंपल लेकर DNA की नकल बनाकर कोरोना की जांच होती है।

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क्या है एंटीजन टेस्ट?

यह एक रेपिड टेस्ट है, जिसमें नाक में अंदर स्वैब डालकर नमूना लिया जाता है। इसके लिए पहले स्वैब को रासायनिक सॉल्यूशन में डुबोया जाता है और फिर उसे पेपर पट्टी पर रखकर प्रोटीन की जांच की जाती है। अगर शरीर में वायरस हो तो कागज की पट्टी पर रंगीन रेखाएं बन जाती है। इस टेस्ट की जांच का रिजल्ट 15-20 मिनट में आ जाता है।

क्या है आरटी-पीसीआर स्वैब टेस्ट?

आरटी-पीसीआर में रियल-टाइम पॉलीमराइज चेन रिएक्शन की जांच की जाती है। पॉलीमर DNA की नमक बनाने वाले एंजाइम होते हैं। इस टेस्ट से एक बार में सही रिजल्ट पता नहीं चलता इसलिए कम से कम 3 बार RT-PCR जांच की जाती है, जिसका रिजल्ट आने में 6 घंटे का समय लगता है।

एंटीजन और स्वैब टेस्ट के फायदे

इस टेस्ट को घर पर भी आसानी से किया जा सकता है और यह स्वैब टेस्ट से सस्ता भी होता है। वहीं इसका परिणाम 30 मिनट के अंदर आ जाता है। जबकि स्वैब टेस्ट सटीक रिजल्ट देता है।

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एंटीजन टेस्ट के नुकसान

यह टेस्ट स्पाइक प्रोटीन की जांच करता है इसलिए ऐश्वर्या और आराध्या के अलावा कई लोगों की रिपोर्ट नेगेटिव पाई गई। अगर आपको लक्षण नजर आ रहे हैं तो 2-3 बार यह टेस्ट करें। अगर फिर आपको शक हो तो स्वैब टेस्ट जरूर करवाएं।

स्वैब टेस्ट के नुकसान

अगर सैंपल लेने में जरा-सी भी लापरवाही हो जाए तो टेस्ट रिजल्ट नेगिटिव आ सकता है इसलिए स्वैब टेस्ट 2-3 बार किया जाता है, ताकि सही रिपोर्ट का पता चल सके।

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