कुछ लोगों के हाथ और पैरों में इतना ज्यादा दर्द होता है कि यह बर्दाश्त नहीं हो पाता। यह दर्द गैंग्रीन नाम की बीमारी के कारण भी हो सकता है। इस बीमारी में शरीर के अंगों के टिश्यू काम करना बंद कर देते हैं। एक्सपर्ट्स की मानें तो किसी भी तरह का घाव या चोट लगने के कारण कई बार उस हिस्से तक ब्लड सर्कुलेशन भी बंद हो जाता है, जिसके कारण टिश्यू धीरे-धीरे डैमेज होने लगते हैं। टिश्यू के डैमेज होने के कारण से शरीर के अंग भी काम करना बंद कर देते हैं। कई बार जिस हिस्से के टिश्यू गैंग्रीन से प्रभावित होते हैं उनमें पस भर जाती है और बाहर आने लगती है। ऐसे में इस रोग से जूझ रहे व्यक्ति के लिए दर्द सहन करना भी मुश्किल हो जाता है। लेकिन गैंग्रीन होता कैसे है और इसके कारण क्या है आज आपको इस आर्टिकल के जरिए बताते हैं।
कैसे फैलता है शरीर में यह रोग?
डॉक्टर की मानें तो गैंग्रीन शरीर में ब्लड सर्कुलेशन में परेशानी आने के कारण होता है। इसके कारण शरीर के उस अंग तक रक्त नहीं पहुंच पाता जिसके कारण उस अंग के टिश्यू खत्म होने लगते हैं। यह समस्या किसी तरह की चोट, इंफेक्शन या अन्य कारणों से हो सकती है। गैंग्रीन की समस्या मुख्य तौर पर हाथ-पैरों में देखने को मिलती है। इसके अलावा इसमें शरीर की मांसपेशियां, अंदरुनी अंग जैसे गॉलब्लैडर को भी यह रोग अपनी चपेट में ले सकता है।
डायबिटीज से जूझ रहे लोगों को होता है ज्यादा खतरा
इस रोग के कारण त्वचा का रंग नीला या काला रंग का दिखने लगता है। गैंग्रीन होने पर लोगों का प्रभावित हिस्सा भी सुन्न हो जाता है। इस रोग की जांच करने के लिए डॉक्टर मरीज को एक्स-रे और एमआईआर टेस्ट करवाने की सलाह देते हैं ताकि यह पता लगाने में आसानी हो सके कि गैंग्रीन के कारण अंग के हिस्से पर कितना दुष्प्रभाव पड़ा है। जो लोग डायबिटीज से जूझ रहे हैं या फिर धूम्रपान या शराब का ज्यादा सेवन करते हैं उन्हें गैंग्रीन होने के खतरा ज्यादा रहता है क्योंकि इसके कारण ब्लड सर्कुलेशन पर दबाव पड़ता है। यदि इस रोग की सही समय पर पहचान की जाए तो ही इलाज भी संभव होता है।
कारण
ऑक्सीजन, पोषक तत्व और एंटीबॉडीज पहुंचाते हैं। परंतु जब टिश्यू तक रक्त ही ना पहुंच पाए तो वह डैमेज होने लगते हैं। इसके कुछ अन्य कारण है जैसे
. आपके टिश्यू में इंफेक्शन होना
. कुछ मैडिकल कंडिशन के कारण भी आपका ब्लड सर्कुलेशन प्रभावित हो सकता है जैसे एथेरोस्कलेरोसिस, परिधीय धमनी रोग आदि।
. किसी तरह की गहरी चोट, गहरा घाव या फिर मांसपेशियां भी टिश्यू को प्रभावित कर सकती हैं।
. सर्जरी के बाद सर्कुलेशन प्रभावित होना
गैंग्रीन और शुगर का संबंध
शरीर में यदि खून का स्तर किसी भी कारण से बाधित होता है या फिर कम होता है तो शरीर में भी कई तरह की समस्याएं पैदा होने लगती हैं, क्योंकि खून के साथ ही शरीर में ऑक्सीजन का प्रवाह भी होता है जो जीवित रखने के लिए जरुरी है। परंतु जब शरीर में डायबिटीज के कारण शुगर की मात्रा ज्यादा हो जाती है तो धमनियां में प्रवाहित होने वाले रक्त में भी ग्लूकोज का स्तर बढ़ने लगता है। इसके कारण रक्त का प्रवाह भी प्रभावित होता है और टिश्यूज में भी पूरा तरह रक्त नहीं जा पाता ऐसी स्थिति में धीरे-धीरे टिश्यू डेड होने लगते हैं जो बाद में गैंग्रीन का कारण बन सकते हैं।
सही समय पर करवाएं इलाज
यदि आपको इस रोग के बारे में समय पर पता चल जाता है तो आप इसका इलजा करवा सकते हैं। रोग की गंभीरता को देखते हुए डॉक्टर सर्जरी, एंटीबॉयोटिक्स दवाईयां, मैगोट थैरेपी और ऑक्सीजन थेरेपी चुन सकते हैं इन थेरेपीज के जरिए टिश्यू को दोबारा से ठीक करने के प्रयास किया जाता है लेकिन ऐसे में बेहद जरुरी है कि आप किसी भी तरह की चोट को नजरअंदाज न करें यह आपके लिए समस्या बन सकती है।