क्या आपका बच्चा भी एक घंटे में कई बार दूध पीता है? कुछ महिलाओं को लगता है कि उनके मिल्क सप्लाई में कुछ गड़बड़ है जबकि ऐसा नहीं है। इस स्थिति को क्लस्टर फीडिंग (Cluster feeding) कहा जाता है, जो आमतौर पर जन्म के पहले कुछ हफ्तों में देखने को मिलता है। इसमें बच्चे को बार-बार भूख लगती है, जिसे देख मां परेशान हो जाती है। चलिए आपको बताते हैं कि क्या है क्लस्टर फीडिंग और बच्चे क्यों करते हैं बार-बार फीड...
क्लस्टर फीडिंग क्या है?
जब आपका शिशु बिना रुके या एक साथ कई बार दूध पिलाना चाहता है तो समझ लें कि शिशु क्लस्टर फीडिंग कर रहा है। इसमें नवजात को बार-बार भूख का एहसास होता है और उन्हें शॉर्ट सेशन में भूख लगती है। इसके कारण डायपर भी जल्दी गंदे हो जाते हैं। शिशु जन्म के एक हफ्ते में क्लस्टर फीड शुरू कर देता है, जोकि होना सामान्य है। इसमें परेशान होने की जरूरत नहीं क्योंकि ऐसे में शिशु का विकास बेहतर होता है और वो पीलिया जैसी बीमारियों से बचा रहता है।
बच्चे क्लस्टर फीड क्यों करते हैं?
यह तब होता है जब शिशु तेजी से विकास कर रहा हो और उसे ज्यादा पोषण की जरूरत हो। आमतौर पर शिशु दिन में आठ से दस बार दूध पीते हैं लेकिन कई बार वह जल्दी संतुष्ट नहीं होते और उनकी भूख बनी रहती है। ऐसे में वह बार-बार दूध मांगते हैं। इसमें नवजात का फीडिंग सेशन 10 मिनट तो कुछ का 30 मिनट होता है। एक्सपर्ट का मानना है कि नवजात शिशु को 24 घंटे में 8-12 बार ब्रेस्टफीडिंग करवानी चाहिए।
शिशु क्लस्टर फीड कब करते हैं?
. जब बच्चा अधिक शरारतें करता है
. चिड़चिड़ापन और बेचैनी हो
. शिशु जब पूरा लंबा फीड न लें
. वजन बढ़ा रहे हो
. बार-बार पेशाब आना
शिशु किस समय करते हैं क्लस्टर फीड?
बच्चे के क्लस्टर फीड के लिए कोई निश्चित समय नहीं है। यह इस बात पर निर्भर करता है कि शिशु को अपना पेट भरा हुआ महसूस होता है या नहीं। बच्चे को क्लस्टर फीड करने का शेड्यूल तय न करें क्योंकि इससे जरूरत न होने पर उन्हें ओवरफीडिंग हो सकती है।
क्लस्टर फीडिंग कितने समय तक चलती है?
हर बच्चा अलग होता है और उनकी जरूरतें भी। कुछ बच्चे दूसरे महीने तक क्लस्टर फीडिंग बंद कर देते हैं जबकि कुछ तीसरे या उससे ज्यादा महीने तक इसे जारी रख सकते हैं। अगर आप शिशु को बेहतर विकास के लिए उन्हें आवश्यक कैलोरी दे रहे हैं तो क्लस्टर फीडिंग बंद कर दें। शिशु को स्तनपान करावा रही हैं तो क्लस्टर फीडिंग फॉर्मूला से बचें।
क्लस्टर फीडिंग को कैसे करें मैनेज?
. मां को पानी पीने के साथी हेल्दी स्नैक्स खाएं, ताकि शरीर में पोषक तत्व की कमी ना हो।
. स्तनपान करवाते समय अपनी पोजिशन बदलती रहें, ताकि आपको पीठ दर्द जैसी दिक्कतें ना हो।
. पहले ही हो जाएं फीडिंग के लिए तैयार। आप चाहे तो ब्रेस्टमिल्क पंप का यूज कर सकती हैं।
. समय-समय पर शिशु का चेकअप भी करवाती रहें। डॉक्टर वजन जांच कर बताएंगे कि बच्चा सही से फीड कर रहा है या नहीं।
. अगर दूध ठीक से नहीं बन रहा तो डॉक्टर से इस बारे में बात करें। डॉक्टर मिल्क सप्लाई ठीक से न होने पर कुछ सप्लिमेंट्स देंगे।