जैसे-जैसे भारत में कोविड-19 महामारी की दूसरी लहर धीरे-धीरे नियंत्रण में आ रही है, तो वहीं, ब्लैक फंगस नए खतरे के रूप में उभरा है। प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को डॉक्टरों, पैरामेडिकल स्टाफ के साथ बातचीत के दौरान म्यूकोर्मिकोसिस यानि की ब्लैक फंगस को नई चुनौती बताया हैऔर कहा कि इससे निपटने के लिए हमें एहतियात और तैयारी करने की जरूरत है।
वहीं दूसरी तरफ, एम्स के निदेशक रणदीप गुलेरिया, एम्स के डॉक्टर पीयूष रंजन सहित विशेषज्ञों ने कहा है कि एक बार संक्रमित होने पर इस फंगल संक्रमण का जल्द पता लगने से मरीजों की जान बच सकती है।
इन लक्षणों का पता चलते ही डाॅक्टर से करें संपर्क-
इसके लिए, कोरोना मरीज को दिन के उजाले में नाक, गला और आंखों के आसपास चेहरे की सूजन, मलिनकिरण, दर्द आदि के लिए पूरे चेहरे की जांच करनी चाहिए। दांतों का ढीला होना, मुंह के अंदर का काला क्षेत्र आदि शुरूआती संकेत है जिनकी सूचना डॉक्टर को देनी चाहिए। डॉक्टरों ने सलाह दी है कि कोविड-19 से ठीक होने के दौरान और बाद में ब्लड शुगर लेवल की भी जांच करते रहना चाहिए।
इस वजह से बढ़ रहे हैं Black Fungus के मामले-
अनियंत्रित मधुमेह, आवश्यकता न होने पर कोविड-19 रोगियों में जरूरत से ज्यादा स्टेरॉयड के प्रयोग के कारण black fungus के मामलों की संख्या में तेजी से वृद्धि हुई है।
भारत में ब्लैक फंगस के कितने मामले हैं?
अनुमानों के अनुसार, देश में ब्लैक फंगस के 7,000 से अधिक मामले हैं। देश में अब तक सबसे ज्यादा संक्रमण महाराष्ट्र में सामने आया है, इसके बाद गुजरात, मध्य प्रदेश, हरियाणा, दिल्ली, उत्तर प्रदेश, बिहार, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, तेलंगाना का नंबर आता है।
संक्रमण से कितने लोगों की मौत हुई है?
एक अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक अब तक कम से कम 219 लोगों की संक्रमण से मौत हो चुकी है।
म्यूकोर्मिकोसिस (ब्लैक फंगस) कैसे फैलता है?
म्यूकोर्मिकोसिस एक फंगल संक्रमण है, जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में नहीं फैल सकता है।
ब्लैक फंगस और सफेद कवक के बीच अंतर
ब्लैक फंगस के बीच हाल ही में सफेद फंगस की भी खबरें सामने आई हैं लेकिन आधिकारिक तौर पर सफेद फंगस के बारे में ज्यादा जानकारी नहीं है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अभी तक सफेद कवक पर कोई टिप्पणी नहीं की है।