अमेरिकी राष्ट्रपति के तौर पर जो बाइडन के कार्यकाल को एक साल पूरा हो गया है और पहली बार अधिकतर अमेरिकियों ने माना है कि वह महामारी तथा बढ़ती मुद्रास्फीति से निपटने के मामले में नाकाम रहे हैं। वहीं दूसरी ओर उप राष्ट्रपति कमला हैरिस खुद को और अपनी भूमिका को परिभाषित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं।
एक साल में हैरिस पर कई मुश्किल जिम्मेदारियां पड़ी। उन्हें राष्ट्रपति के साथ अपने तालमेल को लेकर पूछे गये प्रश्नों का सामना करना पड़ा। उन्हें वैश्विक महामारी के अवरोधों के बीच इन सबका सामना करना पड़ रहा है। तभी बाइडन जब मताधिकार संबंधी विधेयक को पारित करने के लिए लिए सीनेट में नियम बदलने पर जोर दिया तब उप राष्ट्रपति कमला इस बैठक में मौजूद नहीं थी।
हैरिस के कार्यकाल के पहले साल में उनके सामने आई कठिनाइयों का यह एक और उदाहरण है, जहां वह खुद को और अपनी भूमिका को परिभाषित करने के लिए संघर्ष कर रही हैं। बता दें हैरिस पहली महिला, फर्ट्स ब्लैक और पहली भारतीय मूल की अमेरिकन हैं जो यूएस की उप-राष्ट्रपति बनी थीं।उनका जन्म ऑक्लैंड में हुआ था और वह कैलिफोर्निया में बड़ी हुई थीं। उनके पिता जमाइका से थे और मां भारत के चेन्नई की रहने वाली थीं।
साल 2017 में कमला हैरिस ने कैलिफोर्निया से यूएस सीनेटर की शपथ ली थी। वह ऐसा करने वाली पहली साउथ एशियन-अमेरिकन सीनेटर बनी थीं और पहली अफ्रीकन-अमेरिकन महिला थी। वहीं बाइडन के कार्यकाल की बात करें तो 56 प्रतिशत अमेरिकी नागरिकों का मानना है कि बाइडन राष्ट्रपति के तौर पर चुनौतियों से निपटने में नाकाम रहे हैं जबकि 43 प्रतिशत ने कहा कि वह ठीक काम कर रहे हैं।