जब किसी वजह से किडनी की फिल्टर यानि छानने की झमता कम हो जाती है तो यूरिया यूरिक एसिड में परिवर्तित हो जाता है जो हड्डियों के बीच में जमा हो जाता है। जो धीरे-धीरे क्रिस्टल में बदलने लगते हैं जिससे हमारा शरीर किसी ना किसी बिमारी की चपेट में आ जाता है। जैसे कि गठिया,जोड़ो का दर्द, किडनी की बिमारी या दिल की बीमारियां। बता दें कि दालें विटामिन,मिनरल्स,एमिनो एसिड और प्रोटीन से भरपूर होती है जो सेहत के लिए फायदेमंद हैं। लेकिन डॉक्टर को पता लग जाए की मरीज का यूरिक एसिड बढ़ गया है तो वह आपको ज्यादा नहीं कुछ चीजें न खाने की सलाह देते है।
आयुर्वेद एक्सपर्ट डॉक्टर मुताबिक जो लोग यूरिक एसिड के मरीज है वह सभी नहीं लेकिन कुछ दालों का सेवन कर सकते है जैसे कि उड़द की दाल, चना दाल। बताया जा रहा है कि यूरिक एसिड के मरीज 5-6 घटें उड़द की दाल को भिगोने के बाद उसे खा सकते है। जिससे उनका यूरिक लेवल बढ़ेगा नहीं । क्योंकि इसमें प्रोटीन और फाइबर का कॉम्बिनेशन है। वहीं 40 से 50 ग्राम चने की दाल सहित छोले का भी सेवन भी आप कर सकते है।
इन दालों का भूलकर भी ना करे सेवन
मसूर की दाल, मूंग की दाल, तूअर की दाल, हरा मटर सहित राजमा यह अपकी सेहत के लिए ठीक नहीं है।
यूरिक एसिड बनने की वजह
कम पानी पीना, अत्यधिक प्रोटीन सहित अल्कोहल का ज्यादा सेवन करना।