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प्रेगनेंसी में सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थी मां, डिलीवरी के समय जुड़वा बच्चों तक पहुंचा ट्यूमर

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 19 Jan, 2021 09:59 AM
प्रेगनेंसी में सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही थी मां, डिलीवरी के समय जुड़वा बच्चों तक पहुंचा ट्यूमर

सर्वाइकल कैंसर जिसे फाइब्राइड, रसौली या ट्यूमर भी कहते हैं, महिलाओं में काफी देखने को मिल रही है। वहीं, जापान में सर्वाइकल कैंसर का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है। दरअसल, जापान में एक महिला प्रेगनेंसी के समय इस कैंसर से जूझ रही थी। ऐसे में मां की कोख में सांस लेते समय जुड़वा भ्रूण में कैंसर कोशिकाएं पहुंचीं और जन्म के कुछ साल बाद दोनों शिशुओं को फेफड़ों का कैंसर हो गया।

हर साल सर्वाइकल कैंसर के 5.70 लाख मामले

रिपोर्ट के मुताबिक,  दुनियाभर में 35 से 44 साल की हर चौथी महिला सर्वाइकल कैंसर के घेरे में हैं। हर साल इसके 5,70,000 मामले सामने आते हैं, जिसमें से 3,11,000 की मौत हो रही हैं। वहीं, एक हजार में से करीब 1 महिला प्रेगनेंसी के साथ सर्वाइकल कैंसर से जूझ रही होती है। हालांकि इस दुलर्भ स्थिति के अब तक करीब 20 मामले ही सामने आए हैं।

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बच्चे तक ऐसे पहुंचा कैंसर

यह कैंसर गर्भाशय ग्रीवा से शुरू होकर शरीर के बाकी हिस्सों में फैलता है। डॉक्टरों का कहना है कि डिलीवरी के दौरान नवजात गर्भाशय के मुंह (सर्विक्स) से होकर निकलता है, जिस दौरान कैंसर कोशिकाएं उसके शरीर में प्रवेश कर गई होंगी। कोख में कैंसरयुक्त कोशिकाएं बच्चे के चारों तरफ मौजूद एम्नियोटिक फ्लुइड में पहुंच गई होगी। ऐसे में जब डिलीवरी के समय शिशु मुंह खोलकर रोया होगा तो ये सांस के जरिए उसके फेफड़ों में चली गई होगी।

23 महीने बाद बच्चे को हुआ कैंसर

रिपोर्ट के मुताबिक, बच्चा लगातार खांसी से जूझ रहा था जबकि दूसरे बच्चे को 6 साल की उम्र में सीने में दर्द शुरु हुआ। करीब 1 साल तक इलाज चलने के बाद दोनों में लंग कैंसर की पुष्टि हुई। डिलीवरी के 2 साल बाद मां की भी मौत हो गई। जब डॉक्टर्स ने मां के ट्यूमर और बच्चों के ट्यूमर के नमूने लेकर जीनोम सिक्वेंसिंग की तो दोनों में ह्यूमन पैपिलोमा वायरस पाया गया, जो सवाईकल कैंसर की सबसे बड़ी वजह है।

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दिखें ये संकेत तो हो जाए सतर्क

. संबंध बनाते समय वैजाइना रक्त स्राव
. पीरियड साइकल के बीच में रक्त स्राव
. सामान्य से ज्यादा पीरियड होना
. असामान्य डिस्चार्ज
. पेट के निचले हिस्से व पेडू में दर्द
. भूख कम लगना, थकान और एनीमिया
. अचानक वजन कम होना
. गंध आना और संबंध बनाते समय दर्द होने पर अलर्ट हो जाएं

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सर्वाइकल कैंसर के कारण

सर्वाइकल कैंसर की सबसे बड़ी वजह ह्यूमन पैपिलोमा वायरस है। इसके अलावा...

. एक से अधिक पार्टनर से संबंध बनाना
. असुरक्षित यौन संबंध
. वैजाइना से किसी तरह की ब्लीडिंग होना
. अधिक लिक्विड डिस्चार्ज होना
. गर्भनिरोधक गोलियों के अधिक सेवन
. गर्भधारण के कारण HPV संक्रमण
. एल्कोहल और सिगरेट पीना

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कैसे बचें इस कैंसर से....

अगर समय रहते कैंसर का पता चल जाए तो इसका इलाज संभव है। सर्वाइकल कैंसर के लक्षण दिखने पर पैप स्मीयर टेस्ट, सर्वाइकल बायोप्सी, पेट का अल्ट्रासाउंड करवाएं। इसके बाद महिला की स्थिति के आधार पर डॉक्टर वैक्सीन, सर्जरी और कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट देते हैं।

1. 30 की उम्र के बाद कैंसर की जांच करवाती रहें। साथ ही 26 की उम्र के बाद के बाद HPV वैक्सीन लगवाएं।
2. वजन का बढ़ना भी इस कैंसर का कारण बनता है इसलिए इसे कंट्रोल में रखें।
3. डाइट में फल, हरी-सब्जियां, साबुत अनाज, नट्स, फलियां, नारियल पानी जैसे हैल्दी चीजें शामिल करें और अनहैल्दी फूड्स को अवॉइड करें।
4. बिना डॉक्टर की सलाह लिए गर्भनिरोधक गोलियां ना खाएं।
5. असुरक्षित यौन संबंध बनाने से बच सेफ्टी का ध्यान रखें।

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सर्वाइकल कैंसर से बचाव के लिए महिलाओं को एक वैक्सीन दी जाती लेकिन इससे भी सिर्फ 70% ही सेफ्टी की संभावना होती है इसलिए जितना हो सके सतर्क रहें और अपना लाइफस्टाइल सुधारें। याद रखें थोड़ी-सी सावधानी आपको कैंसर से बचा सकती है।

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