पीरियड्स, महिलाओं के जीवन की एक नेचुरल प्रोसेस है, जिसे चाहकर भी नकारा नहीं जा सकता है। शरीर कि ऐसी बहुत सी चीजें हैं जो महिलाओं के पीरियड्स को प्रभावित करती हैं, जिसमें इंसुलिन सेंसेटिविटी से लेकर उनका पाचन, इम्यून सिस्टम, थायराइड हार्मोन इंबैलेंस शामिल है। बात सिर्फ थायराइड की करें तो ये ग्रंथि (glands) हमारे शरीर के लिए बहुत जरूरी है क्योंकि ये शरीर के तापमान को नियंत्रित करने से लेकर ऊर्जा के स्तर को कंट्रोल करने का काम करती है। शरीर में इस हार्मोन की कमी की वजह से ढेर सारी परेशानियां हो सकती है लेकिन पीरियड्स पर इसका कितना गंभीर प्रभाव होता है इस बात की जानकारी शायद ज्यादातर महिलाओं को नहीं होती है। अगर आपको थायराइड है और आपको नहीं पता कि इसमें क्या बदलाव हो रहा है तो आपको बता दें कि सिर्फ पीरियड्स में होने वाली कुछ परेशानियों से आप अपने थायराइड लेवल की सही जानकारी प्राप्त कर सकती हैं। आइए जानते हैं कैसे....
पीरियड से पता लगाएं थायराइड
हेवी फ्लो
अगर आपको पीरियड्स के दौरान हेवी फ्लो रहता है और आपको 2 घंटे से भी कम वक्त में पैड या फिर टैम्पोन बदलना पड़ता है तो ये हाइपोथायरायडिज्म हो सकता है। इसका मतलब ये है कि आपकी ग्रंथि सही तरीके से थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं कर पा रही है।
लंबे पीरियड्स
हाइपोथायरायडिज्म की वजह से आपको पीरियड्स के दौरान कई दिक्कत हो सकती हैं, जिसमें से एक पीरियड्स का लंबा होना है। अगर आपके पीरियड्स ज्यादा दिनों तक चलते है तो आपको ये शिकायत हो सकती है।
स्पॉट आना
पीरियड्स में ब्लीडिंग होना सामान्य है लेकिन अगर आपको पीरियड्स से पहले ही स्पॉट आना शुरू हो जाए तो समझ लीजिए कि कुछ न कुछ गड़बड़ है। जी हां, हाइपोथायराइिज्म की वजह से आपको पीरियड्स से पहले ब्लीडिंग यानि स्पॉट आने की परेशानी हो सकती है।
पीरियड्स मिस होना
अगर आपके पीरियड्स बार-बार मिस हो रहे हैं तो आपको तुरंत डॉक्टर को दिखाने की जरूरत है क्योंकि इसकी वजह हाइपोथायरायडिज्म भी हो सकती है। दरअसल ऐसा तब होता है जब आपकी थायराइड ग्रंथि बहुत कम मात्रा में हार्मोन बनाने का काम करती है। इसलिए बिना किसी देरी के आपको थायराइड टेस्ट कराने की जरूरत है।
थायराइड की वजह से समस्याएं
थायराइड ग्रंथि का सही तरीके से काम न करना आपके लिए परेशानी का सबब हो सकता है और कम या ज्यादा मात्रा में हार्मोन का उत्पादन आपको इन परेशानियों का शिकार बना सकता हैः
1. इंफर्टिलिटी
2. ह्रदय रोग
3. नसों को होने वाला नुकसान
4. गोइटर
5. बच्चों में जन्मदोष
6. मानसिक स्वास्थ्य होता है प्रभावित
7. कुछ मामलों में भ्रूण को नुकसान
नोट- अगर आपको भी पीरियड्स के दौरान ये सारे लक्षण महसूस हो रहे हैं तो डॉक्टर से संपर्क करें।