उम्र के जिस दौर में अक्सर लोग लाचारी का दामन पकड़ कर दूसरे के सहारे बैठ जाते हैं, उसी उम्र के कुछ लोगो का जज्बा ऐसा है कि वह किसी भी नौजवान को मात दे दें। हम बात कर रहे हैं 91 साल की लतिका चक्रवर्ती की, जिन्होंने हमें बता दिया है कि इंसान में अगर जज्बा और हौंसला बुलंद हो तो वह कुछ भी हासिल कर सकता है, चाहे उम्र कुछ भी हो।
असम के दुबरी की रहने वाली दादी लतिका चक्रवर्ती 91 साल की उम्र में ऑनलाइन बिजनेस चलाती हैं और इसमें वह अपनी मजबूत पकड़ बना चुकी हैं।वो अपनी पुरानी सिलाई मशीन की मदद से पोटली बैग बनाती हैं और उन्हें ऑनलाइन बेचती भी हैं। कुछ सालों पहले मशीन से शुरू किया गया उनका बैग बनाने का बिजनेस आज देश ही नहीं बल्कि विदेश के कस्टमर्स को भी आकर्षित करता है।
लतिका जी हमेशा पुरानी चीज़ों पर डिज़ाइन करके उन्हें नया रूप दे देतीं और उन्होंने एक दिन अपनी इसी प्रतिभा को फिर से सहेजने की सोची। इसी साेच के साथ वह आगे बढ़ी और अपनी यादों को कला के जरिये बांट दिया। लतिका को सिलाई, कढ़ाई में शुरू से इंटरेस्ट रहा था, वह अपने बच्चों को हाथों से सिलकर कपड़े पहनाती थी। वह अपने हाथों से बनाई चीज़ें भी उन्हे गिफ्ट करती थी।
एक बार लतिका जी की बहू ने उन्हें पोटली बैग बनाकर बेचने का सुझाव दिया, जिसके बाद उनकी किस्मत ही बदल गई। उनके बैग को बाजार तक पहुंचाने के लिए बेटे ने एक वेबसाइट डिजाइन और यहां से उनका बिजनेस चल गया। अपनी 64 साल पुरानी सिलाई मशीन से लतिका पुरानी साड़ियों और कपड़ों से हैंडबैग या पोटली बनाकर नई कहानियां गढ़ रही हैं, जिसे खूब प्यार मिल रहा है।
बता दें कि लतिका के पति सर्वे ऑफ़ इंडिया में काम किया करते थे। उस दौरान उनका तबादला अलग-अलग शहरों में होता रहता था। ऐसे में वह जिस भी शहर में गयीं, वहां से कोई न कोई नई डिजाइन सीखती गयीं। फिर उन्हें इस्तेमाल करके वे अपने हिसाब से नई-नई डिजाइनें बनाया करती हैं। ख़ास बात तो यह है कि बैग में अधिकतर डिजाइन बनाने के लिए वे अपने पुराने सूट और साड़ियों का ही उपयोग करती हैं।