ऑफिस में लगातार बैठे रहने या खान-पान की लापरवाही से पेट में चर्बी जमा होनी शुरू हो जाती है। वजन तो आसानी से कम हो जाता है लेकिन बैली फैट कम करने के लिए काफी मेहनत करनी पड़ती है। ऐसे में आज हम आपको कुछ फलों के बारे में बताएंगे, जिनका सेवन करने से बैली फैट कम करने में काफी मदद मिलेगी। साथ ही फलों का सेवन आपको स्वस्थ रखने में भी मदद करेगा।
आड़ू
100 ग्राम आड़ू में 1.6 ग्राम फाइबर होता है, जो डाइजेशन सिस्टम को सही रखने के साथ मेटाबॉलिज्म बढ़ाता है। वहीं 100 ग्राम आड़ू में केवल 39 कैलोरी होती है, जो बैली फैट घटाने के साथ वजन कंट्रोल को भी कंट्रोल में रखता है।
सेब
सेहतमंद रहने के लिए डॉक्टर रोजाना 1 सेब खाने की सलाह देते हैं। मगर, रोजोना एक सेब खाने से बैली फैट भी कम होता है। इसमें फाइबर, फ्लेवोनोइड्स और बीटा कैरोटीन होता है, जो भूख को कंट्रोल करने के साथ पाचन क्रिया भी सही रहती है।
टमाटर
टमाटर बॉडी में कार्निटाइन नामक अमीनो एसिड को बढ़ाता है, जो मेटाबॉलिज्म के लिए महत्वपूर्ण है। साथ ही यह ब्लड में लिपिड को कम करता है, जो बैली फैट को कम करने में मददगार है।
स्ट्रॉबेरी
फाइबर से भरपूर स्ट्रॉबेरी न केवल बैली फैट कम करती है बल्कि यह टाइप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करती है। दरअसल इसमें मौजूद फाइबर ब्लड को शुगर अवशोषित करने में मदद करता है।
अनानास
इसमें ब्रोमेलेन नामक एंजाइम होता है, जिसमें एंटी-इंफ्लामेटरी तत्व होते हैं। यह एंजाइम प्रोटीन को पचाकर बैली फैट को कम करने में मदद करता है।
तरबूज
गर्मियों में तरबूज का सेवन शरीर में पानी की कमी पूरी करता है। साथ ही तरबूज नेगेटिव कैलोरी फ्रूट है, जो कैलोरी बर्न और बैली फैट घटाता है।
एवोकाडो
यह 'लो कार्ब हाई फैट' केटोजेनिक फूड है। साथ ही इसमें मोनो सैचुरेटेड फैटी एसिड होता है, जो बैली फैट घटाने में मदद करता है।
कीवी
कीवी में ऐक्टिनाइड होता है, जो डाइजेशन में मदद करता है।इतना ही नहीं यह इर्रिटेबल बाउल सिंड्रोम से ग्रस्त मरीजों के लिए भी फायदेमंद होता है।