ज्यादातर महिलाओं को शिकायत होती है कि उनके पीरियड्स टाइम से नहीं आते हैं। वैसे तो पीरियड्स मिस होने की सबसे बड़ी वजह प्रेग्नेंसी हो सकती है, लेकिन ये जरूरी नहीं है। पीरियड्स में देरी होने की और भी कई वजहें हो सकती हैं। आइए आपको बताते हैं इनके बारे में...
तनाव
तनाव का असर शरीर पर कई तरीकों से पड़ता है, जिसमें पीरियड्स भी शामिल है। तनाव से GnRH नामक हार्मोन की मात्रा कम हो जाती है, जिसके चलते ओव्यूलेशन या पीरियड्स नहीं होते हैं। खुद को रिलैक्स रखें और नियमित पीरियड साइकिल को वापस लाने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
बीमारी
अचानक से हुई बुखार, सर्दी, खांसी या किसी लंबी बीमारी की वजह से भी पीरियड्स में देरी हो सकती है। ये अस्थायी रूप से होता है और एक बार जब आप बीमारी से ठीक हो जाते हैं, तो आपके पीरियड्स फिर से नियमित हो जाते हैं।
दिनचर्या में बदलाव
शेड्यूल बदलना, नाइट शिफ्ट में काम करना, शहर से बाहर आना- जाना या फिर घर में किसी शादी या फंक्शन के दौरान हमारे रूटीन में कई तरह के बदलाव होते हैं। शरीर को जब इस नए शेड्यूल की आदत पड़ जाती है या फिर आपका दिनचर्या सामान्य हो जाता है तो पीरियड्स भी नियमित हो जाती है।
बर्थ कंट्रोल पिल्स
बर्थ कंट्रोल पिल्स और कुछ अन्य दवाएं भी पीरियड्स साइकिल को बदल देती हैं। ऐसी दवाएं लेने पर या तो पीरियड्स कम आते हैं या जल्दी- जल्दी आते हैं या बिल्कुल ही आने बंद हो जाते हैं। ऐसे में डॉक्टर से संपर्क करें।
मोटापा
मोटापे की वजह से भी पीरियड्स अनियमित हो सकते हैं और जिसकी वजह से पीरियड्स आने में देरी हो सकती है। हालांकि ये समस्या कम वजन वालों को भी होती है, लेकिन मोटापा इसकी एक मुख्य वजह है।
ब्रेस्टफीडिंग
वहीं बहुत सी महिलाओं को डिलीवरी के बाद भी तब तक पीरियड्स नहीं आती, जब तक वो ब्रेस्टफीडिंग कराना बंद नहीं करती हैं।