कोरोना वायरस ने दुनियाभर को ही परेशानी में डाल रखा है। बच्चे, बुजुर्ग तथा यंगस्टर्स कोई भी इस वायरस से सुरक्षित नहीं है। मगर, हाल ही में हुई रिसर्च के मुताबिक, कोरोना वायरस संक्रमण का प्रभाव महिलाओं पर कमजोर साबित हो रहा है।
दरअसल, महिलाओं का इम्यून सिस्टम अन्य लोगों की तुलना में अधिक मजबूत होता है, जिसकी वजह से उनपर कोरोना ज्यादा प्रभाव नहीं दिखा पा रहा है।
क्या कहते हैं आंकड़े?
आंकड़ों के मुताबिक, पंजाब में अब तक कुल 2300 कोरोना मरीज सामने आए हैं, जिसमें से 37 फीसदी संख्या महिलाओं और 63 फीसदी संख्या पुरूषों की है। वहीं पुरूषों की मृत्यु दर 66.50 फीसदी जबकि महिलाओं की 33.50 है। पुरूषों का रिकवरी रेट47 फीसदी और महिलाओं का 53 फीसदी है। यही नहीं, पंजाब में 70 से 90 साल की महिलाएं भी कोरोना से ठीक हो चुकी हैं। हालांकि कई बुजुर्ग पुरूषों में कोरोना से सुधार देखा गया है।
वैज्ञानिक कारण
रिसर्च की मानें तो महिलाओं के एस्ट्रोजन हार्मोन जीन्स अधिक होने का अनुमान लगाया गया है। इम्युनिटी जीन्स की अधिकतर लोकेशन एक्स क्रोमोसोम पर मिलती है, जो महिलाओं में डबल होते हैं। वहीं पुरूषों में एक्स-वाई क्रोमोसोम होते हैं। यही वजह है कि महिलाएं कोरोना से लड़ने में अधिक सक्षम हैं।
लाइफस्टाइल का भी असर
महिलाएं अपने लाइफस्टाइल को लेकर काफी सतर्क होती हैं। साथ ही वह दिनभर ऑफिस या घर के कामों के जरिए भी एक्टिव रहती हैं। जबकि पुरूष सिर्फ काम के लिए ही घर से बाहर निकलते हैं। वहीं धूम्रपान, सिगरेट व तंबाकू के कारण भी उनका रेस्पेरेटरी सिस्टम महिलाओं के मुकाबले अधिक कमजोर होता है।
गर्भवती महिलाएं रहें ज्यादा सतर्क
प्रेग्नेंट महिलाओं को कोरोना वायरस का अधिक खतरा है क्योंकि उनका इम्यून सिस्टम इस दौरान कमजोर हो जाता है। वहीं जिन गर्भवती महिलाओं को डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, एनीमिया या दिल से जुड़ी कोई बीमारी है उन्हें भी अधिक सावधान रहने की जरूरत है।