दिल से जुड़ी समस्या पुरुष और औरत दोनों को हो सकती है हालांकि महिलाओं के मुकाबले पुरुष इसका अधिक शिकार होते हैं। CHD यानि कोरोनरी हार्ट डिसीज की शिकार महिलाएं भी होती हैं एक ऐसी बीमारी जो महिला हो या पुरुष दोनों के लिए ही जानलेवा हो सकती हैं लेकिन इसके लक्षण दोनों में ही अलग दिखते हैं जबकि महिलाओं में तो कई बार इसके लक्षण नजर ही नहीं आते। चलिए आज हम आपको महिला में होने वाली कोरोनरी हार्ट डिसीज के बारे में विस्तार से बताते हैं...
कोरोनरी हार्ट डिसीज को जानें
कोरोनरी हार्ट डिजीज, वो स्थिति जब दिल के ब्लड वेसल्स व दिल की मांसपेशियों तक खून का संचार सही से नहीं हो पाता। तब हार्ट अटैक जैसे स्थिति व्यक्ति को अपनी चपेट में ले सकती हैं। इसे कोरोनरी आर्टरीज के नाम से भी जाना जाता है।
कैसे शुरु होती हैं यह समस्या
जब दिल के ब्लड वेसल्स में प्लाक बनने लगता है तब यह समस्या शुरु होती हैं। ये प्लाक कैल्शियम, फ़ैट और कोलेस्ट्रॉल से बने होते हैं जो एक साथ जमने से ब्लड वेसल्स में संकुचित हो जाते हैं, जिससे दिल तक ख़ून सही ढंग से नहीं पहुंच पाता।
महिलाओं में CHD के लक्षण
महिलाओं में पुरुषों के मुकाबले कोरोनरी हार्ट डिसीज के लक्षण अलग होते हैं, हो सकता हैं उनमें कोई लक्षण नजर ही ना आए। हार्ट अटैक का सबसे आम लक्षण होता है सीने में दर्द लेकिन महिलाओं में यह लक्षण बहुत कम ही नज़र आता है।
उदाहरण के तौर पर, महिलाओं को आराम करने के दौरान सीने में दर्द होने के आसार होते हैं जबकि पुरुषों में फिजिकल एक्टिविटी के साथ छाती का दर्द उभर जाता है और आराम करने से कम हो जाता है लेकिन हार्ट अटैक के मामलों में महिलाओं को ये लक्षण महसूस हो सकते हैं, जैसे-
-थकान
-चक्कर
-मतली
-पेट दर्द
तनाव
-सीने में दवाब
महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिसीज होने की मुख्य वजहें
मुख्य वजहें जैसे ऑटोइम्यून बीमारियां, इस स्थिति में इम्यून सिस्टम ऐसे सेल्स यानी कोशिकाएं बना सकती हैं जो सामान्य कोशिकाओं पर हमला कर सकती हैं...
-डिप्रेशन और तनाव
-लगातार बढ़ता वजन
-हाई ब्लड प्रेशर (हाइपरटेंशन)
-हाई ब्लड शुगर (डायबिटीज़)
-कमर का बढ़ा हुआ आकार
-अच्छे कोलेस्ट्रॉल की कमी
-खून में ट्राइग्लिसराइड जैसे फैट की बढ़ी हुई मात्रा
ये कुछ ऐसे लक्षण हैं जिनकी वजह से पुरुषों और महिलाओं दोनों में ही CHD का खतरा बढ़ता है लेकिन हां, ये महिलाओं के लिए पुरुषों के मुकाबले ज्यादा खतरनाक होते हैं।
डायबिटीज
ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याएं
अच्छे कोलेस्ट्रॉल का लेवल कम होना
धूम्रपान
- प्रेग्नेंसी के दौरान परेशानियां होना
- प्रेग्नेंसी के दौरान हीमोग्लोबिन की कमी
- एंडोमीट्रिओसिस (पेट के निचले हिस्से में दर्द होना)
- समय से पहले ही पीरियड्स का बंद हो जाना (प्रीमेच्योर मेनोपॉज़)
- इन सभी स्थितियों के अलावा, बर्थ कंट्रोल पिल्स (गर्भ न ठहरने की दवाएं) लेने की वजह से भी महिलाओं में CHD के होने का खतरा बढ़ जाता है।
एस्ट्रोजन हार्मोंन का स्तर कम होने से भी खतरा
मेनोपॉज़ और दिल की अलग संरचना के चलते महिलाओं में कोरोनरी हार्ट डिज़ीज़ की स्थिति पुरुषों से अलग होती है। दरअसल मेनोपॉज के पहले तक तो महिलाओं में एस्ट्रोज़न नाम का हॉर्मोन बनता है जिससे जिससे ब्लड वेसल्स की फ्लेक्सिबिलिटी बनी रहती है और CHD से बचाव रहता है लेकिन जब मासिक धर्म यानि पीरियड्स बंद हो जाते हैं तो इस हार्मोंन का लेवल कम हो जाता है, जिससे यह समस्या उभर सकती हैं। इसके अलावा महिलाओं के ब्लड वेसल्स का आकार पुरुषों के मुक़ाबले छोटा होता है।