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बोतल से पिलाती हैं शिशु को दूध तो हो जाएं सावधान, इन बीमारियों का शिकार हो सकता है आपका बच्चा

  • Edited By palak,
  • Updated: 24 Nov, 2022 12:35 PM
बोतल से पिलाती हैं शिशु को दूध तो हो जाएं सावधान, इन बीमारियों का शिकार हो सकता है आपका बच्चा

शिशु के लिए मां का दूध बहुत ही जरुरी होता है। क्योंकि मां के दूध में पाए जाने वाले पोषक तत्व शिशु का शारीरिक और मानसिक विकास करने में मदद करते हैं। परंतु कई महिलाएं बच्चे को बोतल का दूध पिलाती हैं। लेकिन अगर आप भी बच्चे को बोतल से दूध देती हैं तो इससे होने वाले नुकसान जानकर आप उन्हें कप या फिर कटोरी में दूध देना शुरु कर देंगी। तो चलिए जानते हैं कि बोतल का दूध बच्चे के लिए क्यों नुकसानदायक होता है...

कमजोर होगी इम्यून सिस्टम 

शिशु को बोतल वाला दूध देने से पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मां के दूध में प्रोटीन, विटामिन-ए, विटामिन-सी जैसे पोषक तत्व पाए जाते हैं। यह शिशु का इम्यून सिस्टम मजबूत करने में मदद करते हैं। परंतु वहीं दूसरी ओर बोतल के दूध में हानिकारक तत्व पाए जाते हैं जो बच्चे का इम्यून सिस्टम कमजोर कर सकते हैं। 

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स्वास्थ्य को खतरा 

शिशु की बोतल में निप्पल होता है जिसे पॉलीप्रोलीन से बनाया जाता है पॉलीप्रोलीन थर्मोप्लास्टिक पॉलिमर होता है। साल 2020 में रिसर्चस ने इस बात का खुलासा किया था कि शिशु को बोतल का दूध पिलाने से माइक्रोप्लास्टिक एक्सपोजर होने का खतरा होता है। शिशु को दूध पिलाने वाली बोतल पॉलीप्रोलीन से बनी होती है जब इस बोतल में गर्म दूध डाला जाता है तो इसमें से माइक्रोप्लास्टिक रिलीज होता है जो बच्चे के स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। 

डायरिया का शिकार 

बोतल का दूध पिलाने से बच्चे डायरिया का शिकार भी हो सकते हैं। क्योंकि बोतल के निप्पल के जरिए शिशु के शरीर में कीटाणु जाते हैं। एक्सपर्ट्स के अनुसार, निप्पल में माइक्रो ऑर्गेनिस्म चिपक जाते हैं जो बहुत ही छोटे होते हैं। ऐसे में यह बोतल के निप्पल के जरिए शिशु के शरीर के अंदर चले जाते हैं जिसके कारण बच्चे डायरिया का शिकार हो सकते हैं। खासकर यदि शिशु अंडरवेट है या किसी बीमारी से ग्रस्त है तो उनके लिए डायरिया जैसी बीमारी जानलेवा भी साबित हो सकती है। 

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फेफड़ों में दिक्कत 

शिशु का दूध पिलाने के दौरान खास ध्यान रखना जरुरी होता है। खासकर बहुत सी महिलाएं शिशु के मुंह में खाली बोतल छोड़ देती हैं जिसके कारण उन्हें स्वास्थ्य समस्याएं हो सकती हैं। दूध खत्म होने के बाद यदि बोतल मुंह में रहे तो बच्चे का दम घुट सकता है। इसके अलावा शिशु के गले में भी दूध अटक कर हवा ब्लॉ कर सकते है। जिसके कारण शिशु को सांस लेने में समस्या हो सकती है। इसके अलावा शिशु को सांस लेने में भी समस्या हो सकती है। 

इन चीजों का भी रखें ध्यान 

. आप शिशु को बोतल का दूध देने की जगह कटोरी में रुई की मदद से दूध पिला सकती हैं। 

. प्लास्टिक की बोतल की जगह कांच की बोतल में आप शिशु को दूध दे सकती हैं। 

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. प्लास्टिक की बोतल में गर्म दूध न भूलकर भी न डालें। इससे शिशु के स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

. बोतल को हल्के गर्म पानी से धोकर ही इसमें दूध डालें। इससे बोतल में किसी भी तरह के कीटाणु नहीं रहेंगे। 

. बोतल का इस्तेमाल करने के बाद उसे अच्छे से धोकर साफ कर लें। गीली बोतल में भी जर्म्स रह सकते हैं। 

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. बच्चे के मुंह में कभी भी खाली निप्पल न रहने दें। इससे उसके दिमाग पर प्रभाव पड़ सकता है। 

. बच्चे को बोतल से दूध पीने की आदत भी छुड़वा दें। इससे बच्चे का स्वास्थ्य अच्छा रहेगा।

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