आज के समय में महिलाएं किसी भी क्षेत्र में पीछे नहीं हैं। बॉडी बिल्डिंग एक ऐसा क्षेत्र है जिसमें हमेशा पुरुषों का दबदबा रहा है, लेकिन कुछ दिनों पहले ही थाईलैंड में हुई 39 वीं अंतरराष्ट्रीय महिला बॉडी बिल्डर प्रतियोगिता में राजस्थान की प्रिया सिंह ने गोल्ड मेडल जीता है। उन्होंने अपनी कड़ी मेहनत से राजस्थान और देश का नाम रोशन किया है। आईए आज हम जानते हैं प्रिया की इंस्पिरेशनल स्टोरी के बारे में....
दलित की बेटी प्रिया सिंह का घूंघट से बिकनी तक का सफर
घुंघट से बिकिनी तक का सफर तय करने में बॉडीबिल्डर प्रिया सिंह को कई चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। बीकानेर से आने वाली प्रिया सिंह की शादी महज आठ साल की उम्र में ही हो गई थी। प्रिया सिंह ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि मैं जिस कल्चर में रहती हूं उसमें साड़ी और सूट की परंपराओं को निभाना होता है। लेकिन मेरे गेम में कॉस्टयूम को लेकर कई लोगों ने ताने मारे। वो जिस क्षेत्र से आती हैं वहां पर बहुएं घूंघट में आती हैं और घूंघट में ही मर जाती हैं, लेकिन मैंने परंपराओं को निभाने के साथ-साथ लक्ष्य पर निशाना साधा। प्रिया बताती हैं कि उन्होंने दूसरे लोगों से प्रेरणा लेकर जिम में ट्रेनिंग लेना शुरू किया था और फिर वह राजस्थान की पहली सफल महिला बॉडी बिल्डर बनीं।
महज 8 साल की उम्र में हो गई थी शादी
दो बच्चों की मां बॉडी बिल्डर प्रिया सिंह की शादी महज 8 साल की उम्र में हो गई थी और वो अपनी सफलता के पीछे उनकी बेटी का हाथ बताती है। प्रिया कहती हैं कि आज वो जिस जगह पर हैं अपनी बेटी की बदौलत हैं। बेटी ने मुझे संभाला है, नौ घंटे की ड्यूटी के साथ सब कुछ करना संभव नहीं था। खाने पीने से लेकर कपड़ों तक सब कुछ बेटी ने समझा। प्रिया सिंह ने महिलाओं के नाम अपने संदेश में कहा कि वह दूसरों पर निर्भर होने की जगह अपना भविष्य खुद बनाएं।