प्रदोष व्रत हर महीने में दो बार कृष्ण पक्ष और शुक्ल पक्ष में आते हैं। चैत्र मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी की तिथि पर आने वाला व्रत 9 अप्रैल को रखा जाएगा। इस बार यह शुक्रवार होने से शुक्र प्रदोष व्रत कहलाएगा। इस शुभ दिन पर भगवान शिव, माता पार्वती की पूजा करने के विशेष महत्व है। मान्यता है यह व्रत रखने से जीवन संबंधी समस्याएं दूर होती है। परिवार में सुख-समृद्धि बढ़ने के साथ रिश्तों में मिठास आती है। तो चलिए जानते हैं प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त व महत्व...
प्रदोष व्रत का शुभ मुहूर्त
9 अप्रैल 2021 शुक्रवार, प्रारंभ समय- प्रात: 03:15
10 अप्रैल 2021 शनिवार, समाप्त- प्रातः 04:27 बजे
प्रदोष काल में पूजा मुहूर्त
9 अप्रैल 2021 शुक्रवार, शाम- 5:55 मिनट से 8:12 मिनट तक
प्रदोष व्रत का महत्व
इस व्रत को रखने से जीवन की समस्याएं दूर होती है। घर में सुख-समृद्धि व शांति का वास होता है। रिश्तों में मिठास आती है। साथ ही कुंवारों में मनचाहा साथी मिलता है।
प्रदोष व्रत के नियम
इस दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करके साफ कपड़े पहनें। शिव जी की पूजा करने के बाद व्रत का संकल्प करें। यह व्रत निर्जला व फलाहार रखा जा सकता है। मगर नमक, मिर्ची आदि के सेवन से बचना चाहिए।
दांपत्य जीवन ऐसे आएगी मिठास
इस शुभ दिन पर शिव जी का अभिषेक करें। उन्हें गाय का घी, दूध, दही, गुलाल, भांग, धतूरा, बेलपत्र, दीपक, कपूर आदि उनकी प्रिय चीजें अर्पित करें। फिर आरती करके शिव मंत्रों का जाप करें। इससे दांपत्य जीवन में चल रही समस्याएं दूर होगी। साथ ही इस व्रत को महिला व पुरुष दोनों रख सकते हैं।
विवाह में आने वाली बाधाएं होगी दूर
जिन कन्याओं के विवाह में बाधाएं आ रही हो उन्हें इस दिन शिव जी व गौरा माता की पूजा करें। सच्चे मन से प्रदोष व्रत रखने के साथ सुबह व शाम को पूजा करें। साथ ही व्रत के सभी नियमों का पालन करें। इससे शादी में आने वाली अड़चने दूर होकर मनचाहा साथी मिलेगी।