23 NOVSATURDAY2024 2:57:58 PM
Nari

पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सड़क पर मां संग बेचती हैं चना, नर्स बन करना चाहती हैं गरीबों की सेवा

  • Edited By Anjali Rajput,
  • Updated: 03 Mar, 2021 11:01 AM
पढ़ाई का खर्च उठाने के लिए सड़क पर मां संग बेचती हैं चना, नर्स बन करना चाहती हैं गरीबों की सेवा

अगर इरादें मजबूत हो तो मुश्किल से मुश्किल हालात भी हिम्मत मिल ही जाती है। इस बात पर खरी उतरती है 12 साल की पालिनी कुमारी जो बड़े होकर नर्स बनना चाहती है और अपने इस सपने को पूरा करने के लिए वह मां के साथ मिलकर सड़क किनारे चने बेच रही हैं। पालनी के इरादें बड़े होकर गरीबों की सेवा करने के हैं जिसके लिए वह काफी संघर्ष कर रही हैं।

PunjabKesari

नर्स बन गरीबों की सेवा करना चाहती है पालनी

झारखंड के सिमडेगा की पालनी कुमारी की एक तस्वीर सोशल मीडिया पर काफी वायरल हो रहा है, जिसमें वह हरे चने बेच रही हैं। वह लाइन कॉन्वेंट शामटोली में 7वी कक्षा में पढ़ती है लेकिन उनकी मां के पास इतने पैसे नहीं कि वह उन्हें नर्स बनाने का खर्चा उठा सके। पालनी 6th में 75% मार्क्स से पास हुईं है। वह डेढ़ साल की थी जब उनके पिता की मौत हो गई। पालनी का कहना है कि अगर उनके पिता जिंदा होते तो उनकी मां व उन्हें यह काम नहीं करना पड़ा।

PunjabKesari

गौतम अदाणी उठाएंगे पढ़ाई का खर्च

नन्ही पालनी के सपने आर्थिक तंगी के कारण दम तोड़ ही रहे थे कि तभी सोशल मीडिया पर उनकी कहानी सामने आते ही मदद को कई हाथ आगे आए। सबसे पहले अदाणी ग्रुप के गौतम अदाणी ने पालनी की पढ़ाई का खर्च उठाने का वादा किया। अदाणी ने ट्वीट कर कहा, 'छोटी सी बच्ची के इतने बड़े विचार। पालनी के शिक्षा की जिम्मेदारी उठाना मेरे लिए सौभाग्य की बात होगी। ये बिटियां सशक्त भारत की उम्मीद हैं। इन्हें बेहतर कल मिले हैं ये हम सबकी जिम्मेदारी है। बता दें कि अदानी ग्रुप में पालिनी को हर महीने 25 हजार देने की बात कही।

PunjabKesari

हेमंत सोरेन ने भी बढ़ाया मदद का हाथ

अब झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने ट्वीट कर कहा कि पालनी को सभी सरकारी योजनाओं के द्वारा मदद की जाए और उशकी उत्तम शिक्षा का प्रबंध भी किया जाएगा। इसके अलावा रुंगटा ग्रुप और अन्य संस्थान ने भी मदद का हाथ बढ़ाकर पालनी के सपनों को उड़ान दी। वहीं, जिले के उपायुक्त सुशांत गौरव ने भी अधिकारियों की एक टीम भेजकर उनके परिवार की स्थिति का जायजा लेने और हर संभंव मदद करने का आदेश दिया है।

PunjabKesari

पालनी की मां को मिलता है विधवा पेंशन

पिता की मौत के बाद पालनी और उनकी मां संघर्ष कर रही हैं और दोनों सब्जी, बूटझंगरी बेचकर पेट पाल रही हैं। पालनी ने बताया कि जिस दिन उनकी ब्रिकी नहीं होती वह भूखी ही सो जाती थी। वह सुबह पहले स्कूल जाती हैं और फिर घर आकर सब्जी बेचती हैं। हालांकि सरकारी सुविधा के नाम पर उनकी मां को विधवा पेंशन मिलती है लेकिन उससे गुजारा नहीं हो पाता। उनके पास ना तो लाल कार्ड और ना ही पीएम आवास योजना का फायदा। ऐसे में जैसे तैसे ही दिन काट रही थी।

PunjabKesari

Related News