कोरोना के नए-नए वैरिएंट से बचने के लिए हैल्थ एक्टपर्ट, वैज्ञानिक और सरकार द्वारा पूर्ण टीकाकरण की सलाह दी जा रही है। हर किसी के लिए कोविड-19 के 2 शॉट्स लेना जरूरी है। मगर, बिहार, मधेपुरा जिले के एक 84 वर्षीय व्यक्ति ब्रह्मदेव मंडल ने दावा किया कि उसे कोविड के टीके के 12 शॉट मिले। इसके बाद राज्य के स्वास्थ्य विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों ने जांच शुरू की।
2-3 नहीं, 12 बार लगवाई कोविड-19 वैक्सीन
मधेपुरा जिले के उरई गांव में रहने वाले मंडल को स्थानीय प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में 12वीं बार इंजेक्शन लगाने से पहले ही पकड़ लिया गया। उसने स्वास्थ्य कर्मियों को ठगने के लिए अपने करीबी रिश्तेदारों के अलग-अलग पहचान पत्र और मोबाइल फोन नंबर का इस्तेमाल किया था।
कब-कब लगवाया टीका, बुजुर्ग के पास पूरी लिस्ट
डाक विभाग के एक सेवानिवृत्त कर्मचारी होने का दावा करने वाले मंडल के अनुसार, उन्होंने पहला शॉट 13 फरवरी, 2021 को लगवाया था। इसके बाद उन्होंने मार्च, मई, जून, जुलाई और अगस्त में एक-एक बार वैक्सीन लगवाई। सितंबर में, वह अपने आधार कार्ड, मतदाता पहचान पत्र और अन्य दस्तावेजों का इस्तेमाल करके 3 बार वैक्सीन लगवाने गए। उन्होंने दावा किया है कि
मुख्य सचिव ने दिए जांच के आदेश
30 दिसंबर, 2021 में उन्हें 11वीं वैक्सीन लगी थी। वहीं, उन्होंने दावा किया है कि पिछले साल दिसंबर में उन्होंने 12वां टीका लगवाया है। इतने शॉट्स लेने की वजह बताते हुए उन्होंने कहा, "सरकार ने एक अद्भुत चीज (वैक्सीन) बनाई है। मेरे घुटने में दर्द रहता था वो ठीक हो गया है और मेरे शरीर में ऑक्सीजन भी ज्यादा हो गया है। मुझे कभी सर्दी खांसी नहीं होता है।" बुजुर्ग का यह वीडियो मनीष नाम के एक यूजर ने शेयर की है, जिसमें बुजुर्ग उन लोगों को भी वैक्सीन लेने की सलाह दे रहा है, जिसे कमर दर्द रहता हो। उनका कहना है कि इससे कमर दर्द भी ठीक हो जाएगा।
मधेपुरा के सिविल सर्जन डॉ अमरेंद्र प्रताप शाही ने कहा, ''सच्चाई का पता लगाने के लिए मैंने पहले ही जांच के आदेश दे दिए हैं। जांच से पता चलेगा कि यह व्यक्ति कैसे कोविड के टीके के इतने सारे शॉट लेने में कामयाब रहा।"
आधार व वोटर आईडी का किया इस्तेमाल
हालांकि, मंडल ने दावा किया कि उन्होंने कोविड के टीके के लिए अपना आधार कार्ड और मोबाइल फोन नंबर 8 बार और वोटर आई-कार्ड और अपनी पत्नी का मोबाइल नंबर 3 बार जमा करवाया। उन्होंने दावा किया कि वैक्सीन के हर शॉट के बाद उन्हें बेहतर महसूस हुआ।
गौरतलब है कि इससे पहले विभिन्न जिलों से कोविड के टीके और आरटी-पीसीआर डेटा में हेराफेरी की शिकायतें मिली थीं।