अकसर देखा जाता है छोटे बच्चों को चॉकलेट, आइसक्रीम और पॉपकॉर्न जैसी चीजें बेहद पसंद आती हैं। इन चीजों को देखते ही वह इसे खाने की जिद करते हैं। इस बात से इनकार नहीं किया जा सकता है कि पॉपकॉर्न टेस्टी होते हैं, इसे खाकर बच्चे बेहद खुश होते हैं, लेकिन क्या आप जानते हैं कि पॉपकॉर्न बच्चों के लिए हेल्दी होते है या नहीं? डॉक्टरों का कहाना है पॉपकॉर्न, हार्ड कैंडी, बीज और नट्स जैसे छोटे खाद्य पदार्थ सख्त होते हैं, उन्हें कम से कम चार या पांच साल की उम्र तक पहुंचने से पहले बच्चों को नहीं देना चाहिए। क्योंकि इस तरह का खाना बच्चों के लिए खतरा पैदा कर सकता है।
पॉपकॉर्न का एक टुकड़े पैदा कर सकता है खतरा
पॉपकॉर्न की बात करें तो इनका आकार बहुत छोटा होता है जो बच्चों की संकीर्ण भोजन नली में फंस सकता है, इसलिए इसको देने से पहले उसे तोड़कर और भी छोटा कर लें। एक बात यह भी है कि बच्चों को कुछ भी खिलाते समय उनसे बात न करें, नहीं तो उनके गले में खाना अटक सकता है। अस्पतालों में छोटे बच्चों के कई ऐसे मामले सामने आते हैं, जहाँं बच्चे ने पॉपकॉर्न के एक टुकड़े के कारण दम तोड़ दिया हो। बाल रोग विशेषज्ञ बच्चों को कम से कम 4 साल का होने तक नाश्ते पर पॉपकॉर्न न देने की सलाह देते हैं।
शिशुओं और छोटे बच्चों का वायुमार्ग में एक छोटा आकार होता है, इसलिए वयस्कों की तुलना में पॉपकॉर्न खाने पर उनके दम घुटने का खतरा होता है। हल्के घुटन की घटना के बाद या खाने या पीने के बाद श्वसन संकट के लक्षण ये हो सकते हैं।
-बढ़ी हुई श्वसन प्रयास या दर
-लगातार खांसी आना
-घरघराहट
-सांस लेते समय सीटी की आवाज आना
बच्चों काे खाना खिलाते समय माता- पिता इन बातों का रखें ख्याल
-भोजन करते समय बिना देखे बच्चे को कभी न छोड़े, इसकी सीधी निगरानी होनी चाहिए।
-भोजन करते समय बच्चों को सीधा बैठाएं।
-भोजन को छोटे टुकड़ों में काटें।
- खेलते समय, टहलते हुए बच्चों को भोजन न दें।
यह चीजों बच्चों को खिलाते समय भी रखें सावधानी
हार्ड कैंडी और गम
कच्चे गाजर
चॉकलेट
अंडे का सफेद हिस्सा
बिस्केट
नट्स
अंगूर
बेरीज और खट्टे फल
पॉपकॉर्न के चलते तीन साल की बच्ची पर मंडराया था खतरा
दो साल पहले पॉपकॉर्न के चलते एक बच्ची की जान पर बन आई थी। तीन साल की बच्ची की मां को क्या मालूम था कि जिस पॉपकॉर्न को वह अपनी बेटी के लंचबॉक्स में दे रही है वह उसकी जान का दुश्मन बन जाएगा। उस महिला ने बताया था कि उनकी बेटी आराम से पॉपकॉर्न खा रही थी, तभी उसे खांसी हुई और उसका दम घुटने लगा। इस घटना के बाद लड़की ना दौड़ पा रही थी ना खेल सकती थी। बच्ची के अंदर से पॉपकॉर्न के टुकड़े को निकालने सर्जरी करनी पड़ी थी। अपनी बेटी को दर्द को बयां कर महिला ने सभी माता-पिता से बच्चों को पॉपकॉर्न ना देने की सलाह दी थी।