शारदीय नवरात्रि का पर्व 17 अक्टूबर से शुरू हुआ था। आज नवरात्रि का सांतवा दिन है लेकिन आज लोग अष्टमी कन्या पूजन को लेकर कंफ्यूज है। दरअसल, इस बार लोग दुर्गा सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तिथियों को लेकर दुविधा में है। यह वजह है कुछ लोग तो आज ही अष्टमी पूजन कर रहे हैं।
क्या है दुविधा का कारण?
दरअसल, ऋषिकेश पंचांग की तिथियों की अवधि कम ज्यादा होती रहती है। इसलिए यह जरूरी नहीं है कि अंग्रेजी कैलेंडर ऋषिकेश पंचांग की तिथियों की अवधि अंग्रेजी कैलेंडर की तरह 24 घंटे की हो। हिंदू कैलेंडर में जब दो तिथियां एक ही दिन पड़ जाती है तो दो व्रत या त्योहार एक साथ आ जाते हैं। ऐसा ही कुछ दुर्गा सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा की तारीख को लेकर भी हो रहा है।
कब मनाए सप्तमी, अष्टमी, महानवमी और दशहरा
. ऋषिकेश पंचांग के अनुसार दुर्गा सप्तमी 23 अक्टूबर, शुक्रवार को 12:09 बजे तक है।
. अष्टमी तिथि का प्रारंभ - 23 अक्टूबर (शुक्रवार) को सुबह 06:57 मिनट से 24 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह 06:58 मिनट तक
. महानवमी तिथि का प्रारंभ - 24 अक्टूबर (शनिवार) को सुबह 06:58 से 25 अक्टूबर (रविवार) को सुबह 07:41 मिनट
. 25 अक्टूबर की शाम से दशमी तिथि लगने के कारण दशहरा रविवार को मनाया जाएगा। दशमी तिथि 26 अक्टूबर को सुबह 09:00 बजे तक रहेगी।
मां दुर्गा मूर्ति विसर्जन
मां का मूर्ति विसर्जन 26 अक्टूबर सोमवार को किया जाएगा, जिसका शुभ मुहूर्त सुबह 06:29 से 08:43 के बीच है।
कब कर सकते हैं कन्या पूजन?
महाअष्टमी और महानवमी पर कन्या पूजन को खास महत्व दिया जाता है। आप शुक्रवार, शनिवार और रविवार किसी भी दिन कन्या पूजन कर सकते हैं।
कन्या भोजन का खास महत्व
देवी की पूजा करने के साथ ही महाअष्टमी और नवमी पर कन्या पूजन और भोज करवाया जाता है। इसके बाद उन्हें प्रसाद और उपहार कुमकुम, बिंदी और चूड़ियां दी जाती हैं। कोरोना काल के चलते इस बार आप कन्याओं को मास्क भी गिफ्ट कर सकते हैं।