27 APRSATURDAY2024 10:48:38 AM
Nari

नारायण मूर्ति ने पोते के नाम किए 240 करोड़ रु. के शेयर, कंपनी से घटाई अपनी हिस्सेदारी

  • Edited By palak,
  • Updated: 18 Mar, 2024 04:46 PM
नारायण मूर्ति ने पोते के नाम किए 240 करोड़ रु. के शेयर, कंपनी से घटाई अपनी हिस्सेदारी

इंफोसिस के संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति किसी पहचान के मोहताज नहीं है। अपने दरिया दिल के चलते वह सुर्खियों में बने रहते हैं। अब हाल ही में नारायण मूर्ति ने एक बड़ा ऐलान किया है। उन्होंने अपने चार महीने के पोते एकाग्र रोहन मूर्ति को 240 करोड़ रुपये से भी ज्यादा शेयर गिफ्ट के तौर पर दे दिए हैं। इसके बाद नारायण मूर्ति की कंपनी में हिस्सेदारी सिर्फ 0.36 फीसदी ही रही है। नारायण मूर्ति के पोते एकाग्र की उम्र अभी सिर्फ 4 महीने के हैं ऐसे में उन्हें कंपनी की इतने बड़े शेयर्स मिलना काफी हैरानी की बात है। 

इंफोसिस के 15,00,000 शेयर के मालिक बने एकाग्र 

इंफोसिस की एक्सचेंज फाइल के मुताबिक, नारायण मूर्ति ने लगभग 240 करोड़ रुपये के शेयर एकाग्र को दिए हैं। इस ट्रांसफर के बाद अब उनके 4 महीने के पोते एकाग्र के पास दूसरी सबसे बड़ी टेक कंपनी इंफोसिस के 15,00,000 शेयर होंगे। वहीं अब इस ऑफ मार्केट ट्रांसफर के बाद नारायण मूर्ति के पास लगभग 1.51 करोड़ शेयर ही बचे हैं जिसके अनुसार, उनकी कंपनी में 0.36 फीसदी हिस्सेदारी बनती है।

PunjabKesari

नवंबर 2023 में किया था पोते का स्वागत 

आपको बता दें कि नारायण मूर्ति के बेटे रोहन मूर्ति और अपर्णा कृष्णन नवंबर 2023 में पेरेंट्स बने थे। एकाग्र के जन्म के बाद ही नारायण मूर्ति और उनकी पति सुधा मूर्ति दादा-दादी बन गए थे। नारायण मूर्ति की बेटी अक्षता मूर्ति की शादी ब्रिटेन के पीएम ऋषि सुनक के साथ हुई है और उनकी दो बेटियां हैं।

नैस्डेक में भी लिस्ट हो चुकी थी इंफोसिस 

नारायण मूर्ति ने 1981 में इंफोसिस कंपनी की शुरुआत की थी। इसके बाद 1999 मार्च में कंपनी की लिस्टिंग हुई थी। तब नारायण मूर्ति ने कहा था कि इस लिस्टिंग के जरिए वह दुनिया का बेस्ट टैंलेट आसानी से हासिल कर पाएंगे। हाल ही में नारायण मूर्ति ने इंडिया टुडे कॉन्क्लेव के दौरान नैस्डेक लिस्टिंग को अपनी जिंदगी का सबसे खास पल बताया था। उन्होंने कहा था कि जब मैं उन चमकती हुई लाइटों के सामने बैठा तो बहुत गर्व महसूस हुआ था। 

PunjabKesari

कुछ बड़े फैसले टालने का दुख नहीं 

नारायण मूर्ति ने यह भी कहा था कि उन्हें कुछ बड़े निर्णय लेने चाहिए थे लेकिन मैंने पहले ही दिन से सभी को साथ में लेकर आगे बढ़ने का फैसला ले लिया था। हम लोगों ने अपनी इस यात्रा के दौरान कई सारे बड़े फैसले भी टाले जिसके कारण कुछ हद तक कंपनी की तरक्की में कमी भी आई लेकिन मुझे वो फैसले ना लेने का कोई भी पछतावा नहीं है। 

PunjabKesari

Related News