कोरोना के बाद से ही बच्चे मोबाइल फोन के आदि हो गए हैं। पेरेंट्स भी बच्चों का ध्यान भटकाने के लिए उन्हें फोन दे देते हैं। लेकिन हाल ही में कुछ ऐसा सामने आया है जिसके बाद पेरेंट्स खुद शायद बच्चों को फोन देना छोड़ देंगे। बचपन में स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से युवावस्था में हृदय रोगों का खतरा बढ़ जाता है। ऐसे युवाओं में दिल के दौरे तथा स्ट्रोक की संभावना भी ज्यादा होती है। यह बात कुओपियो में पूर्वी फिनलैंड विश्वविद्यालय और यूरोपियन सोसायटी ऑफ कार्डियोलॉजी कांग्रेस 2023 में प्रस्तुत किए गए अध्ययन में साबित हुई है। शोधकर्ताओं की मानें तो बचपन और टीनएज के दौरान टेलीविजन, वीडियो गेम, मोबाइल फोन और टैबलेट के सामने अधिक समय बिताने के कारण बच्चे शारीरिक गतिविधि नहीं करते एक ही जगह बैठे रहते हैं जिससे दिल का वजन बढ़ जाता है।
इतने बच्चों पर किया गया अध्ययन
यह अध्ययन फिनलैंड विश्वविद्यालय के एंड्रयू एग्बाजे के नेतृत्व में किया गया था। इस अध्ययन के लिए शोधकर्ताओं ने 1990 और 1991 में पैदा हुए करीबन 14, 500 शिशुओं के युवावस्था में जीवन तक उनके स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल पर नजर रखी। अध्ययन में जिन बच्चों को शामिल किया गया उनमें से 766 (55% लड़कियों और 45% लड़कों) को 11 साल की उम्र में एक स्मार्ट घड़ी पहनने के लिए कहा गया । यह स्मार्ट घड़ी सात दिनों तक उनकी गतिविधि पर नजर रखती थी। 15 साल की कम उम्र में उन्हें इसे दोहराने के लिए कहा गया। इसके बाद 24 साल की उम्र में 17 और 24 की उम्र में शामिल हुए हर बच्चे के हृदय की जांच की गई। इस अध्ययन को बच्चे की हाइट, लिंग, रक्तचाप, शरीर में फैट, तांबू का उपयोग, शारीरिक गतिविधि और सामाजिक, आर्थिक गतिविधि की स्थिति पर मापा गया।
बच्चे बिताते हैं स्क्रीन पर ज्यादा समय
डेस्कटॉप, कंप्यूटर स्क्रीन पर लोग करीबन 2 घंटे 51 मिनट देते हैं। 2013 के बाद से ही दुनियाभर में रोजाना स्क्रीन समय में 18 मिनट की वृद्धि हुई है। अमेरिकी बच्चों में स्क्रीन का समय सबसे बड़ा अधिक है। औसत उपयोग प्रति दिन 9 घंटे हैं।
स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने का बच्चों पर असर
स्क्रीन पर ज्यादा देर तक समय बिताने का असर उनकी भाषा के विकास पर होता है। इसके अलावा बच्चों में नींद न आना, मोटापा, डिप्रेशन, एंग्जायटी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। इसके अलावा स्क्रीन पर ज्यादा समय बिताने से बच्चे मानसिक स्वास्थ्य पर भी प्रभाव पड़ता है। इसके अपावा बच्चे के व्यवहार में बदलाव आ सकता है। लंबे समय से बच्चों की आंखें ड्राई होने लगती है। उन्हें सिरदर्द और देखने में कठिनाई जैसी समस्याएं होने लगती हैं।
कैसे छुड़वाएं बच्चों में मोबाइल की लत?
शोधकर्ताओं ने पेरेंट्स को सलाह दी कि बच्चों को मोबाइल फोन की आदत छुड़वाने के लिए माता-पिता बच्चों और टीनएजर्स को ज्यादा घूमने, फिरने के लिए कहें। इसके अलावा बच्चों में टेलीविजन देखने, सोशल मीडिया और वीडियो गेम के इस्तेमाल का समय कम करें।
ये तरीके भी आएंगे काम
. बच्चे कोई भी चीज अपने बच्चों को देखकर ही सीखते हैं। इसलिए ऐसे में आप खुद भी मोबाइल देखने की आदत पर कंट्रोल करें।
. यदि आपके टीनएज बच्चे को मोबाइल गेमिंग की आदत पड़ गई है तो उसे डांटकर मोबाइल न छीनें। इससे उन पर गलत असर पड़ सकता है। धीरे-धीरे आप बच्चे को दूसरे काम में डालकर उनका मन भटकाकर यह आदत छुड़वा सकते हैं।
. यदि बच्चा 10 साल की कम उम्र का है तो उसके मोबाइल देखने का टाइम फिक्स कर दें। इससे बच्चे का दिनभर मोबाइल चलाने की आदत पर कंट्रोल होगा और धीरे-धीरे ये आदत भी छूट जाएगी।