उम्र के एक पड़ाव (मिडिल एज) पर पहुंचने के बाद महिलाओं को पीरियड्स आना बंद हो जाते हैं, जिसे मेडिकल भाषा में मेनोपॉज /e रजोनिवृत्ति कहा जाता है। मगर, कुछ महिलाओं को समय से पहले ही मेनोपॉज हो जाता है और पीरियड्स आने बंद हो जाते हैं। ऐसे में यह एचआईवी संक्रमण का संकेत भी हो सकता है। अब आप सोच रहे हैं होंगे भला मेनोपॉज और एचआईवी का क्या कनैक्शन? इसका जवाब हाल में हुई स्टडी में छिपा है, जिसके मुताबिक HIV से ग्रस्त महिलाओं को मेनोपॉज जल्दी हो जाता है।
एचआईवी पीड़ितों में 3 साल पहले मेनोपॉज
पहले सही इलाज ना होने की वजह से एचआईवी जल्दी एड्स में बदल जाता था, जिसकी वजह से लोग अपना जान गवां बैठते थे लेकिन आज की लेटेस्ट तकनीक और इलाज की वजह से HIV संक्रमित व्यक्ति 70 साल तक जी सकता है। NAMS की एक स्टडी के अनुसार, HIV संक्रमित महिलाओं को 48 साल की उम्र में मेनोपॉज हो जाता है। वहीं, पूर्व में हुई रिसर्च के अनुसार, 40 से 45 साल की उम्र में महिलाओं को पीरियड्स आना बंद होते हैं। जबकि हाल ही में आई स्टडी में HIV संक्रमित महिलाओं को कम उम्र में मेनोपॉज होने का जिक्र किया गया है।
ये भी हो सकते हैं जल्दी मेनोपॉज होने के कारण
. हेपेटाइटिस सी इंफैक्शन
. शादी की स्थिति (शादीशुदा महिलाओं में जल्दी होता है)
. जन्म स्थान (भारतीयों में जल्दी होता है मेनोपॉज)
. शरीर में खास तरह के जीन होना
. स्मोकिंग करना
. कीमोथेरेपी ट्रीटमेंट लेना
. पेल्विक ऑर्गन सर्जरी
हॉट फ्लैशेस भी करते हैं परेशान
मेनोपॉज से करीब 1-2 साल पहले महिलाओं को हॉट फ्लैशेज (गर्माहट महसूस होना) की समस्या भी होने लगती है, जो रजोनिवृत्ति शुरू होने के बाद भी कई सालों तक रह सकते हैं। इसके कारण शरीर का तापमान अचानक बढ़ जाता है। साथ ही रात में बार-बार नींद खुल जाना, त्वचा पर लालपन, दिल की धड़कन बढ़ना, घबराहट और थकान भी महसूस होती है।
इसके अलावा अर्ली मेनोपॉज में कुछ और लक्षण भी दिखाई देते हैं, जैसे...
. पीरियड्स का मिस होना
. नींद न आना और थकान
. मानसिक बदलाव
. लगातार यूरीन आना
. त्वचा और वेजाइना में ड्राईनेस
. वजन बढ़ना
. बालों का अचनाक झड़ना
क्या मेनोपॉज के बाद रिलेशन बनाना सही?
मेनोपॉज के कारण महिलाओं को कई हार्मोनल और शारीरिक बदलाव से गुजरता पड़ता है। वहीं, इस दौरान वैजाइना में ड्राईनेस भी काफी बढ़ जाती है, जिसकी वजह से संबंध बनाना रिस्की हो सकता है। ऐसे में आपको अपने डॉक्टर से सलाह लेनी चाहिए। साथ ही वैजाइना ड्राइनेस बढ़ाने वाले फूड्स व प्रोडक्ट्स से दूरी बनाकर रखें। डॉक्टर की सलाह से आप वैजाइनल लुब्रिकेंट व एस्ट्रोजेन क्रीम यूज कर सकती हैं।
मेनोपॉज से डिप्रेशन का खतरा
क्योंकि मेनोपॉज के कारण महिलाओं को तनाव अधिक होता है इसलिए इससे डिप्रेशन का खतरा भी बढ़ जाता है। ऐसे में महिलाओं को खुद को पॉजिटिव रखने की कोशिश करनी चाहिए। इसके लिए एक्सरसाइज व योग करें, हैल्दी खाएं और परिवार के साथ समय बिताएं।
मेनोपॉज एक शारीरिक स्थिति है इसलिए इसके लक्षणों को रोकना नहीं जा सकता है लेकिन सही लाइफस्टाइल से उसे कम जरूर किया जा सकता है।