जो लोग सपने पूरे देखने का दम रखते हैं, वो ही उसे पूरा भी करते हैं। जरूर हैं कि सपना देखें और ऐसा ही कुछ किया Mar Galcerán ने। वो डाउन सिंड्रोम वाली स्पेन की पहली महिला संसाद बन गई हैं। वो पीपुल्स पार्टी (PP) की सदस्य हैं। उनकी ये ऐतिहासिक जीत न सिर्फ उनकी व्यक्तिगत जीत है, बल्कि विकलांग लोगों को अपनी इस जीत के जरिए उन्होंने बहुत स्ट्रॉन्ग मैसेज दिया है। वहीं गैलेकन भी अपनी इस उपल्बिध से बहुत खुश हैं। उनका कहना है कि अब समाज ये देखना शुरु कर रहा है कि डाउन सिंड्रोम वाले लोगों का भी विशेष योगदान है। लेकिन अभी सफर बहुत लंबा है, काफी आगे तक जाना है।
विकलांग लोगों के हकों के लिए आवाज उठती हैं गैलसेरन
बता दें गैलसेरन एक सोशल वर्कर भी हैं। वो कई सालों से विकलांग लोगों के हकों के लिए आवाज उठाती आई हैं। 45 साल की गैलसेरन को 3 दशकों का रजनीति में बढ़- चढ़कर काम करने का experience है।
कौन हैं मार गार्सेलन (Mar Garcelán)
मार गैलसेरन महज 13 साल की उम्र में राजनीति में एक्टिव हैं, जब उन्होंने जनरलिटैट वालेंसियाना के राष्ट्रपति के साथ इंटर्नशिप की। उन्होंने असिंडाउन या डाउन सिंड्रोम एसोसिएशन ऑफ वालेंसिया नामक संगठन में चार साल तक इंटर्नशिप भी की। जब वह 18 साल की थीं, तब उन्होंने पीपुल्स पार्टी ज्वाइन की।दशकों तक, गैलसेरन ने इस पार्टी के लिए काम किया और पिछले साल मई में 2023 वैलेंसियन क्षेत्रीय चुनाव के लिए पीपुल्स पार्टी की पार्टी सूची में 20 वें स्थान पर अपनी जगह बनाई। अब गैलसेरन का लक्ष्य बौद्धिक विकलांगताओं (intellectual disabilities) को खत्म करना है; वो कहती हैं, "मैं चाहती हूं कि लोग मुझे एक इंसान के रूप में देखें, न कि सिर्फ मेरी विकलांगता के लिए।"
बौद्धिक अक्षमताओं वाले अन्य नेताओं पर एक नजर
कुछ मीडिया रिपोर्टों में जहां दावा किया गया है कि गैलसेरन यूरोप में सांसद बनने वाले बौद्धिक विकलांगता वाले पहली महिला हैं, वहीं कुछ अन्य रिपोर्ट्स में कहा गया है कि साल 2021 में फ्रांस के अर्रास में नगर परिषद के सदस्य एलेनोर लालौक्स निर्वाचित होने वाले डाउन सिंड्रोम वाले पहले व्यक्ति बने। वहींं पेरू में, 27 वर्षीय ब्रायन रसेल, डाउन सिंड्रोम से पीड़ित एक व्यक्ति, 2019 में संसद की सदस्यता के लिए खड़े हुए थे। रसेल ने अपने अभियान में कहा कि वो डाउन सिंड्रोम वाले लोगों को लेकर बनी धारणा को तोड़ने चाहते हैं और साबित तकना चाहते हैं कि डाउन सिंड्रोम वाले लोग भी स्वतंत्र हो सकते हैं।