घर में शादी की रस्म शुरू होने से पहले परिवार भगवान गणेश की पूजा करते हैं और शांति और सुख के साथ शादी पूर्ण होने की कामना करते हैं। हर कोई चाहता है कि उनके परिवार में हो रही शादी में किसी भी तरीके की बाधा ना आए, पर कई बार जाने- अनजाने में ऐसी भूल हो जाती है जिसके चलते कई तरह की परेशानियां खड़ी हो जाती है। ऐसे में कुछ वास्तु नियमों का भी पालन करना जरुरी होता हे।
दरअसल शादी के कार्ड से जुड़े भी कुछ वास्तु नियम होते हैं जिसका पालन करने से किसी भी तरह की बाधा नहीं आती है। कई बार लोग अपनी मनपसंद वेडिंग कार्ड के चलते कुछ चीजों को नजरअंदाज कर देते हैं। अगर आपके भी घर में जल्द ही शहनाई बजने जा रही हैं तो आपको कुछ वेडिंग कार्ड से जुड़े वास्तु नियम के बारे में बताने जा रहे हैं जिसे अपनाकर आप भारी भूल करने से बच सकते हैं।
इस रंग का बनवाएं कार्ड
बहुत से लोगों को पता नहीं होता है कि शादी के कार्ड का शुभ रंग क्या है । वास्तु शास्त्र के अनुसार शादी का कार्ड हमेशा लाल या पीले रंग का होना चाहिए। काला, नीला या भूरे रंग का कार्ड कभी न बनवाएं क्योंकि ये रंग नकारात्मकता के प्रतीक हैं।
चौकोर होना चाहिए कार्ड
शादी का कार्ड हमेशा चौकोर होना चाहिए, क्योंकि चार कोने सुख, समृद्धि, खुशहाली, सौभाग्य के प्रतीक होते हैं। हालांकि कुछ लोग कार्ड को तिकोना या पत्ते के आकार का बनवा लेते हैं जो कि गलत है। ट्रायंगल के आकार वाला वेडिंग कार्ड नकारात्मकता को खींचता है तो वहीं, पत्ते के आकार वाला वेडिंग कार्ड शुभ नहीं माना जाता है।
न बनवाएं भगवान की तस्वीर
वास्तु शास्त्र के अनुसार वेडिंग कार्ड पर भूल से भी गणेश जी की फोटो न बनवाएं। क्योंकि शादी हो जाने के बाद वेडिंग कार्ड लोग कूड़े में फेंक देते हैं या फिर पेड़ के नीचे रख आते हैं। ऐसे में भगवान की फोटो का अपमान होता है और इसके खमियाजा फोटो छपवाले वाले को भुगतना पड़ सकता है।
सुगंधित होना चाहिए कार्ड
वास्तु के अनुसार इस बात का भी ध्यान रखें कि शादी का कार्ड में इस्तेमाल किया जाना वाला कागज खुशबूदार हो इससे हर काम मंगलमय होता है।