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गरीबी ने कर दिया था 6 साल के जतिन को मां-बाप से दूर, लेकिन किस्मत ने बनाया राजेश खन्ना

  • Edited By Vandana,
  • Updated: 06 Jan, 2024 03:33 PM
गरीबी ने कर दिया था 6 साल के जतिन को मां-बाप से दूर, लेकिन किस्मत ने बनाया राजेश खन्ना

मायानगरी में बहुत से स्टार आए और गये, लेकिन राजेश खन्ना जैसी स्टारडम का ना तो कोई तब मुक़ाबला कर पाया था और ना अब। राजेश खन्ना की झलक पाने के लिए लड़कियाँ तरस जाती थी। उन्हें हिंदी सिनेमा का पहला सुपरस्टार कहा जाता था। फिल्मी दुनिया में एंट्री के पहले 3 साल में ही उन्होंने लगातार 15 हिट फिल्में दी। करीब 20 साल तक बॉलीवुड पर अकेले राजेश खन्ना ही छाए रहे और जब अमिताभ की एंट्री हुई थी तब उनका स्टारडम कम हुआ था  लेकिन ये शोहरत राजेश को आसानी से नहीं मिली थी। इसके लिए राजेश खन्ना ने बहुत मेहनत की थी। काका का सुपरस्टार बनने का सफर इतना आसान नहीं था। उन्होंने भी ज़िंदगी में बहुत कुछ देखा और उन्ही हालातों ने जतिन को राजेश खन्ना बनाया। जी हाँ राजेश खन्ना का असली और बचपन का नाम जतिन खन्ना था। चलिए आज आपको सुपरस्टार की ज़िंदगी के अनसुने किस्से बताते हैं …

पंजाब के अमृतसर में पैदा हुए थे राजेश खन्ना 

पंजाब के अमृतसर में 29 दिसंबर 1942 को हीरानंद खन्ना और चंद्ररानी खन्ना के घर पैदा हुए थे। राजेश का परिवार, देश के बंटवारे के बाद अमृतसर में आकर बसा था। उनके एक बड़े भाई थे। फिल्मों में आने से पहले उनका नाम जतिन खन्ना था। राजेश के पिता एक स्कूल टीचर थे, लेकिन बंटवारे की वजह से उनकी नौकरी चली गई और घर में तंगी आ गई। तंगहाली भी ऐसी कि परिवार का पालन-पोषण भी नहीं हो पा रहा था। इसी वजह से उन्होंने 6 साल के राजेश को रिश्तेदार के पास भेज दिया गया था। मुंबई में रहने वाले उनके रिश्तेदार चुन्नी लाल खन्ना और लीलावती ने उन्हें अपने पास रखा और पाला-पोसा। घर में प्यार से सब उन्हें काका कहते थे। 

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राजेश को एक्टिंग का जुनून पहले से ही था। वो सिर्फ 10 साल के थे, जब थिएटर से जुड़ गए थे। स्कूल के दिनों में जितेंद्र उनके बहुत अच्छे दोस्त थे। वो दोनों, कॉलेज के दिनों में भी थिएटर और स्टेज शोज से जुड़े रहे। राजेश खन्ना ने अंधा युग नाम के एक नाटक में सैनिक का किरदार निभाया था। उनकी एक्टिंग से चीफ गेस्ट इतना प्रभावित हुए कि उन्होंने राजेश से कहा था कि उन्हें फिल्मों में काम करना चाहिए हालांकि पिता नहीं चाहते थे कि वो एक्टर बने लेकिन पिता के मना करने के बाद भी एक्टिंग से दूर नहीं गए। उन्होंने ये बात अपने मामा को बताई, जिन्होंने फिल्मों के लिए उनका नाम बदलकर जतिन खन्ना से राजेश खन्ना रख दिया।

ऑडिशन देने के लिए कारों से जाते थे राजेश खन्ना

काका की कारों का किस्सा भी बहुत मशहूर था। कारों के शौकीन राजेश खन्ना ऑडिशन भी MG Sport कार से देने जाया करते थे। उस समय ऐसी कारों का कलेक्शन तो फिल्मी सितारों के पास भी नहीं होती थी। जब वो ऑडिशन देने जाते थे तो उनकी कार वहां पार्क होती थी जहां डायरेक्टर-प्रोड्यूसर की गाड़ियां खड़ी रहती थीं। हालांकि इतनी आसानी से उन्हें रोल नहीं मिला।

ऑल इंडिया टैलेंट हंट के विनर बने थे राजेश खन्ना

फिल्म प्रोड्यूसर्स द्वारा आयोजित किए ऑल इंडिया टैलेंट हंट कॉन्टेस्ट में राजेश ने भाग लिया था जिसमें 10 हजार से ज्यादा लोग शामिल थे। इस हंट में राजेश खन्ना पहले टॉप 8 की लिस्ट में शामिल हुए और फिर विनर भी बने और यहां से ही शुरू हुआ था राजेश खन्ना का फिल्मी सफर। राजेश खन्ना की पहली फिल्म आखिरी खत रिलीज हुई थी लेकिन उनकी ये फिल्म फ्लॉप रही। फिर उनकी दूसरी फिल्म राज आई जो सुपरहिट रही। इसके बाद राजेश का फिल्मी करियर बुलंदियों पर जा पहुंचा। 

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राजेश खन्ना के रिलेशनशिप की बात करें तो राजेश खन्नापर हजारों लड़कियां फिदा थी। एक्ट्रेस अंजू महेंद्रू के साथ भी वह लिव-इन में रहे लेकिन शादी उन्होंने डिंपल कपाड़िया से की। डिंपल भी राजेश की बड़ी फैन थी। महज 16 साल की डिंपल ने अपने से दोगुणी उम्र के राजेश खन्ना से शादी के लिए हां कर दी थी लेकिन ये रिश्ता शादी के 11 साल बाद खटास से भर गया। खबरों की मानें तो राजेश खन्ना नहीं चाहते थे कि डिंपल फिल्मों में काम करें। इसी वजह से दोनों में काफी बहस होती थी। कुछ समय बाद दोनों अलग-अलग रहने लगे थे हालाँकि दोनों ने तलाक कभी नहीं लिया। 

अमिताभ की एंट्री के बाद फीका पड़ गया था एक्टर का स्टारडम

वहीं, अमिताभ की एंट्री के बाद राजेश खन्ना का स्टारडम फीका पड़ गया था। धीरे-धीरे उन्हें काम मिलना भी कम हो गया था। एक वक्त ऐसा भी आया जब वो बिलकुल अकेले पड़ गए थे। जीवन के आखिरी दौर में वह कैंसर से पीड़ित हो गए थे लेकिन ये बात उनके करीबियों तक ही सीमित थी। उन्हें मुंबई के लीलावती अस्पताल में भर्ती कराया गया था लेकिन वह अपने घर में आखिरी सांस लेना चाहते हैं। 16 जुलाई को उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर घर लाया गया था जिसके 2 दिन बाद, 18 जुलाई को राजेश खन्ना ने बंगले आशीर्वाद में ही दुनिया को अलविदा कह दिया। खबरों की मानें तो उनकी अंतिम यात्रा में करीब 10 लाख से ज्यादा लोग शामिल हुए थे। राजेश खन्ना के चाहने वाले आज भी उन्हें याद करते हैं।

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