हिंदू धर्म में व्रत, त्योहार व शुभ तिथियों का विशेष महत्व है। वहीं गंगा दशहरा का पावन पर्व भी लोग बड़ी आस्था से मनाते हैं। यह हर साल ज्येष्ठ माह की शुक्ल पक्ष की दशमी तिथि को मनाया जाता है। इस साल यह शुभ तिथि 20 जून दिन रविवार को पड़ रही है। पौराणिक कथाओं के अनुसार, इस दिन मां गंगा भागीरथ की कठोर तपस्या के बाद स्वर्ग से धरती पर आई थी। मान्यता है कि इस दिन विधि-विधान से गंगा मां की पूजा करने पापों से मुक्ति मिलती है। इसलिए हर साल इस शुभ दिन पर हरिद्वार पर भक्तों की भीड़ जमा होती है। मगर पिछले साल की तरह इस बार भी कोरोना का कहर होने से आप घर की पूजा कर सकते हैं। चलिए जानते हैं गंगा दशहरा की पूजा विधि, शुभ मुहूर्त व महत्व...
गंगा दशहरा शुभ मुहूर्त
दशमी तिथि प्रारम्भ - जून, शनिवार 19, 2021, शाम 06:45 से
दशमी तिथि समाप्त - जून, रविवार, 20, 2021, शाम 04:21 बजे तक
भले ही यह तिथि 19 जून 2021 की शाम को शुरू हो जाएगी। मगर पूजा विधि का दिन व समय 20 जून ही माना जाएगा।
गंगा दशहरा महत्व
धार्मिक मान्यताओं व पुराणों के अनुसार, मां गंगा के धरती पर आने पर एक साथ दस शुभ योग बने थे। माना जाता है कि इस शुभ दिन पर गंगा मां की पूजा व गंगा स्नान करने से 10 पापों से मुक्ति मिलती है। ये पाप हैं परस्त्री गमन, हिंसा, चुगली करना, सम्पत्ति हड़पना, किसी की बुराई करना, गाली देना, असत् भाषण, चोरी, दूसरों को हानि पहुंचाना तथा झूठा आरोप लगाना आदि। इसके साथ ही इस दिन दान करने से भी विशेष लाभ मिलता है।
गंगा दशहरा पूजा विधि
. सुबह जल्दी उठकर गंगा नदी में स्नान करने जाएं। कोरोना के कारण गंगा नदी पर जा नहीं सकते हैं तो आप घर पर पानी में गंगा जल मिलाएं। फिर गंगा मां का ध्यान करके नहाएं।
. अब पूजा स्थल में दीपक जलाकर मां गंगा का ध्यान करके पूजा करें।
. फिर मां गंगा की आरती करें।
. घर के पास सरोवर या तालाब में दीप जलाएं।
. जरूरत अनुसार गरीबों को दान करें। आप घर मनें ब्राह्मणों को भुलाकर भोजन करवाएं व उनका आशीर्वाद लें।