यूरिक एसिड, थायराइड, हाई बीपी के बीच किडनी स्टोन की समस्या भी अब आम ही सुनने को मिल रही है। हर 11 में से 1 व्यक्ति आज किडनी स्टोन का दर्द सहन कर रहा है। एक बार पथरी से राहत पाने के यह समस्या फिर हो जाती है। अब सवाल यह है कि किडनी स्टोन की समस्या अब इतनी आम क्यों हो गई हैं? और बार-बार स्टोन बनने की वजह क्या है? तो बता दें किडनी में स्टोन बनने की मुख्य वजह भी हमारा लाइफस्टाइल और खानपान ही है।
कैसे बनती है गुर्दे में पथरी?
गुर्दे की पथरी तब बनती हैं जब कैल्शियम, ऑक्सालेट, यूरिक एसिड और सिस्टीन, यूरिन राही बाहर ना आकर क्रिस्टल बनकर किडनी में ही जुड़ने लगते हैं और बाद में पथरी का रूप लेने लगते हैं। पथरी बहुत तरह की होती है जबकि 80% पथरी कैल्शियम की बनी होती है। डॉक्टर्स की मानें तो शरीर में पानी की कमी, पथरी का मुख्य कारण है। दरअसल, यूरिक एसिड पतला करने के लिए पर्याप्त पानी चाहिए होता है और ऐसा न होने पर मूत्र अधिक अम्लीय बन जाता है। यह अम्लीय गुर्दे की पथरी की वजह बनता है। जैसे कि हमने पहले बताया कि इस रोग के लिए भी हमारा लाइफस्टाइल ही जिम्मेदार है वहीं कुछ मामलों में यह आनुवांशिक हो सकती है। यदि किसी को पहले पथरी है तो उसे दोबारा पथरी होने की शिकायत का खतरा रहता ही है खासकर खासकर पुरुषों में। 10 – 30% पुरुष अगले 5 साल में फिर से पत्थर का शिकार हो सकते हैं।
किडनी में स्टोन होने के कारण क्या है?
जो लोग कम पानी पीते हैं या लिक्विड चीजों का सेवन कम करते हैं।
कैल्शियम, विटामिन डी और विटामिन सी जरूरत से ज्यादा खाते हैं।
ज्यादा नमक चीनी खाने वाले लोगों को
जो लोग फिजिकल एक्टिविटी नहीं करते।
डायबिटीज, हाई बीपी, थायराइड, मोटापे, गाउट से पीड़ित लोग
और पशु प्रोटीन जैसे मांस-मछली अधिक खाने वाले और सोडियम आहारों का सेवन करने वाले लोगों को पथरी की शिकायत होती हैं।
जब किडनी में स्टोन की समस्या हो तो ...
व्यक्ति को पेट के निचले हिस्से में कमर में तेज दर्द होता है और यह इतना तकलीफ देता है कि व्यक्ति का उठना बैठना तक मुश्किल हो जाता है। मरीज को उल्टियां भी शुरू हो सकती हैं। इसके अलावा व्यक्ति को यूरिन पास करते समय दर्द और जलन रहती है, कई बार खून भी आता है। यूरिन मटमैला-गंध वाला और कभी-कभी एक बार में थोड़ा सा यूरिन ही आता है, ये सारे लक्षण किडनी स्टोन के ही है। किडनी स्टोन की समस्या है तो आपको अपनी खान-पान की आदतों को सही करना होगा और ऐसी चीजों का सेवन छोड़ना होगा जो स्टोन को बढ़ाती हैं और वो चीजें शामिल करनी होगी जो स्टोन को बनने से रोकती है।
.पहले तो ज्यादा से ज्यादा पानी पीएं। दिन के 7 से 8 गिलास पानी बहुत जरूरी हैं।
.आहार में कैल्शियम और प्रोटीन की मात्रा सही रखें। जिन चीजों में नमक ज्यादा हो वो कम खाएं ।
.विटामिन सी की अत्यधिक खुराक से बचें। पालक, चुकंदर, बादाम, मूंगफली, अखरोट, शकरकंदी, भिंडी, टमाटर, सूखे मेवे, चाय, काली मिर्च और सोयाबीन, बटर, ब्लूबेरी जैसे ऑक्सालेट्स से भरे खाद्य पदार्थों के सेवन से भी बचें।
.बिना डाक्टर की सलाह के विटामिन डी की खुराक ना लें।
.पशु प्रोटीन जैसे रेड मीट, मुर्गी, अंडे और सी फूड ना खाएं ।
उपचार की बात करें
यह निर्भर करता है किडनी में स्टोन का आकार कितना और किस स्थान पर है। अगर स्टोन 5 mm से कम हो तो दवाइयों की मदद से इसे बाहर निकाला जा सकता है लेकिन 9 mm से बड़ी पथरी में अस्पताल तक में भर्ती होने की जरूरत हो सकती है और सर्जरी की मदद से इसे निकालना पड़ सकता है। हालांकि 10 से 20 % मामलों में सर्जरी की जरूरत पड़ती है।
वहीं कुछ देसी इलाज भी इसमें कारगर हो सकते हैं। जैसे नींबू और ऑलिव ऑयल। नींबू और जैतून तेल को मिलाकर बने इसे नुस्खे से आप अपनी इस तकलीफ से निजात पा सकते हैं। नींबू पानी स्टोन को तोड़ने और जैतून तेल बाहर निकालने का काम करता है।
सेब के सिरके में सिट्रिक एसिड होता है जो किडनी स्टोन को छोटे-छोटे कणों में काटने का काम करता है। आप दो छोटे चम्मच सिरके को 1 गिलास कोसे पानी के साथ रोज ले सकते हैं लेकिन इसे लेने से पहले अपने डॉक्टर से सलाह जरूर लें।
अनार का जूस भी शरीर के लिए काफी फायदेमंद माना जाता है। इससे प्राकृतिक तरीके से किडनी स्टोन में राहत मिलती है।
अगर फिर भी आपको किडनी स्टोन की समस्या से राहत नहीं मिल रही तो डाक्टरी सलाह जरूर लें।