हर साल कार्तिक महीने की कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि को करवाचौथ का व्रत रखा जाता है। अपने पति की लंबी उम्र के लिए सुहागिन महिलाएं यह व्रत रखती हैं। वहीं कुवांरी लड़कियां होने वाली पति के लिए उपवास रखती हैं। सुबह सूर्योदय से निर्जला उपवास रखकर शाम के समय चंद्रमा को देखकर महिलाएं यह व्रत तोड़ती हैं। इस साल करवाचौथ 1 नवंबर यानी की बुधवार को रखा जाएगा। ऐसे में कहा जाता है कि करवाचौथ का व्रत तोड़ते समय महिलाओं को कुछ जरुरी बातों का ध्यान रखना चाहिए। यदि आप भी पहली बार करवाचौथ का व्रत रख रही हैं तो कुछ बातों का ध्यान रखना जरुरी है। आइए जानते हैं इनके बारे में....
जरुर सुनें कथा
करवाचौथ का व्रत हमेशा निर्जला रखा जाता है। इस व्रत को तब तक अधूरा समझा जाता है कि जब तक महिलाएं करवाचौथ की पूजा करके कथा नहीं सूनती। ऐसे में इस दिन करवाचौथ के दिन कथा जरुर सुनें।
इस समय खाएं सरगी
करवाचौथ वाले दिन महिलाएं सुबह उठकर सरगी भी देती हैं। इस दिन सास अपनी बहु को सरगी देती हैं और बहु व्रत शुरु करने से पहले यह सरगी खाती हैं। सरगी में इस बात का ध्यान रखें कि इसे सूर्योदय से पहले ही खाएं। सूर्योदय के बाद का व्रत निर्जला रखना जरुरी माना जाता है।
मेहंदी और सोलह श्रृंगार
करवाचौथ वाले दिन व्रत के साथ-साथ मेहंदी लगाने और सोलह श्रृंगार करने का भी खास महत्व बताया गया है। इस दिन सुहागिन महिलाएं बिंदी, काजल, चूड़ियां, अंगूठी, मेहंदी, मंगलसूत्र और सिंदूर समेत सभी सोलह श्रृंगार करके अपने पति के लिए सजती हैं।
वाणी पर रखें नियंत्रण
व्रत रखने वाली महिलाओं को अपनी वाणी पर संयम रखना चाहिए। इस दिन बड़े-बुजुर्गों का सम्मान करें। क्योंकि मान्यताओं के अनुसार, व्रत में यदि किसी के भी प्रति असम्मान की भावना रखी जाए या उसे गाली दी जाए तो मनोकामना पूरी नहीं होती।
काले कपड़े न पहनें
आजकल भले ही फैशन का दौर बदल गया है। परंतु पौराणिक मान्यताओं के अनुसार, करवाचौथ के दिन लाल, गुलाबी, हरा,पीला और संतरी रंग पहनना इस दिन बेहद शुभ माना जाता है। हालांकि इस दिन सफेद और लाल कपड़े पहनना शुभ नहीं माना जाता। इसलिए इस दिन इन दोनों रंगों के कपड़े नहीं पहनने चाहिए।