कुछ कर दिखाने की कोई उम्र नहीं होती। इस बात को साबित कर दिखाया है 74 साल की कल्पना शाह ने। हाल ही में उन्होंने 24 घंटे खड़े रहकर 226 अलग-अलग साड़ी की ड्रैपिंग स्टाइल का प्रदर्शन कर इतिहास रच दिया। उनका नाम लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्डस (Limca Book Records)में दर्ज किया गया है। आपको बता दें कि ये एक मैराथन था 24 घंटे के लिए भारतीय सांस्कृतिक पोशार साड़ी को अलग-अलग साड़ी में ड्रेप करने का था, जिसमें कल्पना ने भाग लिया था। रिकॉर्ड में इसे 'मोस्ट साड़ी स्टाइल्स ड्रेप्ड' के रूप में दर्ज किया गया है।
लाइव हुई थी प्रतियोगिता
साड़ी ड्रेपिंग मैराथन शनिवार को 9 अप्रैल सुबह 11:30 बजे शुरु हुआ था और 10 अप्रैल सुबह 11:30 बजे तक चला। वीडियो और फोटो कैमरों के सामने मॉडल के साथ ड्रेपिंग की गई थी। सभी साड़ी ड्रेप्ड इस तरह से अच्छी तरह से तैयार की गई थीं कि एक व्यक्ति उन्हें किसी भी अवसर पर पहन सकता है, स्वतंत्र रूप से घूम सकता है, डांस कर सकता है और आराम से रह सकता है। ड्रेपिंग में साड़ियों के अलग-अलग मटीरियल का इस्तेमाल किया गया था। क्रेप से लेकर शिफॉन और जॉर्जेट से लेकर बनारसी और कोटा से लेकर साउथ सिल्क तक। कल्पना ने गुजरात से बंगाल तक, महाराष्ट्र से असम और दक्षिण भारतीय स्टाइल में भी साड़ी ड्रेप की। आइए नजर डालते हैं कल्पना शाह की जिंदगी पर....
बचपन से ही कल्पना को था साड़ी में इंटरेस्ट
कल्पना शाह का जन्म 30 नवंबर 1948 को एक भारतीय पेशेवर साड़ी ड्रेपर/स्टाइलिस्ट और बिजनेसमैन के घर हुआ। वह मुंबई में रहती है। परिवार की रीत को आगे बढ़ाते हुए साल 1985 में उन्होंने भी साड़ी ड्रेपिंग का आर्ट सीखना शुरू कर दिया। वह सभी उम्र की महिलाओं के लिए साड़ी ड्रेपिंग तो करती ही है, साथ में साड़ी ड्रेपिंग करना सिखाती भी है। वो इवेंट्स, शूटिंग और शादी के फंक्शन के लिए भी साड़ी पहनती हैं।
भारतीय साड़ी की संस्कृति को बढ़ावा देने के लिए, साल 2012 में उन्होंने दुनिया की पहली और एकमात्र कॉफी टेबल बुक "द होल 9 यार्ड्स" लिखी , जिसमें दिखाया गया है कि भारतीय साड़ी को विभिन्न शैलियों में कैसे बांधा जाता है।वहीं अपने इसे काम को और आगे ले कर जाने के लिए डिजिटल जनरेशन के अनुरूप, कल्पना ने साल 2014 में, Google Play store और Apple App store पर एक मोबाइल ऐप, "लर्न साड़ी" के Concept का विकास किया।