25 NOVMONDAY2024 2:28:14 PM
Nari

प्रेग्नेंसी में Junk Food पहुंचाता है बच्चे के दिमाग को नुकसान, इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना

  • Edited By Charanjeet Kaur,
  • Updated: 15 Dec, 2022 01:32 PM
प्रेग्नेंसी में Junk Food पहुंचाता है बच्चे के दिमाग को नुकसान, इन समस्याओं का करना पड़ सकता है सामना

प्रेग्नेंसी के दौरान हार्मोनल बदलावों की वजह से कई बार मुंह का स्वाद अच्छा नहीं होता। कभी-कभी तीखा और खट्टा खाना खाने का मन करता है। ऐसे में महिलाएं कई बार जंक फूड खाकर अपनी क्रेविंग को खत्म कर लेती हैं। लेकिन एक्सपर्ट्स की मानें तो प्रेग्नेंसी के दौरान जंक फूड और फास्ट फूड से परहेज ही करना चाहिए। इस समय महिला को कई तरह के पोषक तत्वों की जरुरत होती है क्योंकि उनके शरीर से ही बच्चों का विकास होता है। ऐसे में जंकफूड महिला और उसके होने वाले बच्चों के लिए कई तरह की समस्याएं पैदा कर सकता है। जानिए प्रेग्नेंसी के दौरान क्यों नहीं खाना चाहिए जंकफूड।

PunjabKesari

1. जंकफूड में तेल, चीनी, फैट और कैलोरी की उच्च मात्रा होती है। ऐसे में ज्यादा जंक फूड खाने से वजन तेजी से बढ़ता है और क्योंकि प्रेगनेंसी के दौरान महिलाओं का वजन वैसे भी बढ़ रहा होता है, तो जंक फूड इसे और बढ़ा देता है। महिलाओं को इससे कई सहेत से जुड़ी समस्याएं तो होती ही है साथ में डिलीवरी के वक्त कॉम्प्लिकेशंस आने का भी रिस्क रहता है।

PunjabKesari

2. फास्ट फूड ज्यादा खाने से कई बार हाई बीपी की समस्या भी होती है। अगर आप हाई बीपी या हार्ट की किसी समस्या से ग्रसित हैं तो आपको इस मामले में बहुत सजग रहने की जरुरत है।

3.प्रेग्नेंसी में जंकफूड के ज्यादा खाने से जेस्टेशनल डायबिटीज का खतरा बढ़ता है क्योंकि जंकफूड में शुगर और कैलोरिफिक पदार्थों की मात्रा ज्यादा होती है। जेस्टेशनल डायबिटीज की वजह से जन्म के समय बच्चे का वजन बहुत ज्यादा हो सकता है या प्रीमैच्योर डिलीवरी भी हो सकती हैं।

PunjabKesari

4. फास्ट फूड में किसी भी तरह के न्यूट्रिएंट्स नहीं होते है। इसके अधिक सेवन से बच्चे के दिमाग, दिल, लंग्स और हड्डियों पर विपरीत असर पड़ता है, साथ ही गर्भ में अंदर ही बच्चे को अनहेल्दी खाने की आदत लग जाती है।

5. प्रेग्नेंसी के वक्त जंकफूड ज्याद खाने से बच्चे के दिमाग ठीक से विकसीत नहीं होता, साथ ही शोध में ये भी कहा गया है कि प्रेगनेंसी के दौरान जंकफूड के अधिक सेवन से महिलाओं में एलर्जी और अस्ठमा का खतरा बढ़ जाता है।

Related News