अमेरिका की फाइजर (Pfizer) और जर्मनी की बायोएनटेक (BioNTech) द्वारा बनाई गई वैक्सीन का टीकाकरण कई देशों में शुरू हो चुका है। मगर, रोज इस वैक्सीन के नए-नए साइड-इफैक्ट सामने आ रहे हैं, जिसके कारण वैक्सीन को लेकर लोगों के मन में कई तरह की शंकाएं पैदा हो रही है। वहीं हाल ही में इजरायल में वैक्सीन के साइड-इफैक्ट का एक हैरान करने वाला मामला सामने आया है।
कोरोना वैक्सीन से हो रहा फेशियल पैरालिसिस
दरअसल, इजरायल में कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद 13 लोगों को फेशियल पैरालिसिस (आधे चेहरे का लकवा) के साइड इफेक्ट दिख रहे हैं। फूड एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन (एफडीए) नियामकों ने कहा कि वैसे तो कोई भी स्पष्ट कारण नहीं था कि वैक्सीन टेम्परेरी फेशियल पैरालिसिस का कारण बना लेकिन डॉक्टरों को देखना चाहिए कि यह कितने लोगों पर हमला करता है और कहीं इससे ज्यादा खतरा तो नहीं।
दूसरी डोज देने को लेकर आशंका
WION की रिपोर्ट के मुताबिक, फेशियल पैरालिसिस से ग्रस्त लोगों को अभी दूसरी डोज देना बाकी है। स्वास्थ्य मंत्रालय ने सलाह दी है कि इन लोगों को दूसरी डोज ठीक होने के बाद ही लगाई जाए। एक मरीज ने बताया कि करीब 28 घंटे तक फेशियल पैरालिसिस रहा लेकिन बाद में भी पूरी तरह ठीक नहीं हुआ। मगर, इंजेक्शन वाली जगह पर कोई दर्द या सूजन नहीं है।
पहले भी आ चुके हैं ऐसे मामले
बता दें कि पहले भी फाइजर वैक्सीन शॉट्स से ट्रायल के दौरान 4 वॉलंटियर्स में फेशियल नर्व पैरालिसिस की समस्या देखने को मिली थी। इसी के चलते ब्रिटेन मेडिसिन रेगुलेटर ने चेतावनी भी जारी की थी। यही नहीं, हाल ही में फाइजर वैक्सीनसे नॉर्वे में 23 बुजुर्गों की मौत का मामला भी सामने आया था।
फाइजर से मर रहे लोग
फाइजर वैक्सीन से लोगों की मौत के मामले भी लगातार सामने आ रहे हैं, जिससे वैक्सीन सवालों के घेरे में आ गई है। कुछ समय पहले ही अमेरिका के साउथ फ्लॉरिडा में एक 56 वर्षीय हेइदी नेकेलमान के पति डॉक्टर ग्रेगोरी मिशैल माइकल (Gregory Michael) को वैक्सीन के कारण अपनी जान गवांनी पड़ी। उन्हें 18 दिसंबर को वैक्सीन की पहली खुराक दी गई थी, जिसके16 दिन बाद डॉक्टर की मौत हो गई।
पहले भी दिख चुके हैं साइड-इफेक्ट
वैक्सीनेशन ट्रायल के दौरान भी वॉलिंटियर्स में एलर्जी, हैंगओवर, सिरदर्द, बुखार, मांसपेशिंयों में दर्द, शरीर में चकत्ते पड़ना, ऐंठन, कमजोरी और सांस लेने में दिक्कत हुई। हालांकि इनमें से कुछ साइज-इफैक्ट फ्लू की वैक्सीन लेने से भी होते हैं।