हर साल 8 मार्च महिला दिवस के तौर पर मनाया जाता है। महिलाओं को समर्पित इस दिन को मनाने का मुख्य उद्देश्य उन्हें उनके अधिकार के प्रति जागरूक करना है। आज विश्वभर में महिलाएं पुरुषों के बराबर होकर चल रही हैं। बता दें, भारत की तरह कई देशों ने महिलाओं के लिए कई कानून अधिकार बनाएं हैं। मगर फिर भी बहुत सी महिलाएं अपने इन अधिकारों के प्रति पूरी तरह से जागरूक नहीं हैं। ऐसे में हम आपको महिला दिवस के खास मौके पर उन अधिकारों के बारे में बताते हैं, जिसका महिला को जानना जरूरी है...
समान वेतन का कानूनी अधिकार
पुरूषों की तरह महिलाएं को भी कार्यक्षेत्र पर समान वेतन लेने का पूरा अधिकार है। भारतीय श्रमिक कानून अनुसार, महिलाओं को किसी भी जगह पर काम करने पर वेतन में लिंग के आधार पर किसी भी तरह का भेदभाव नहीं हो सकता है।
घरेलू हिंसा से सुरक्षा
इस अधिकार का उद्देश्य महिलाओं के प्रति हिंसा को रोकना है। इसके मुताबिक अगर किसी महिला के साथ उसके घर या ससुराल में कोई हिंसा हो रही हो तो उसे इसके खिलाफ शिकायत या केस दर्ज करवाने के पूरा अधिकार है।
मातृत्व संबंधी अधिकार
इसके मुताबिक महिला को गर्भवती होने पर उसे 26 सप्ताह की छुट्टी लेने का पूरा अधिकार है। इसके साथ ही इस दौरान महिला कर्मचारी की सैलरी में कोई कटौती भी नहीं होगी। साथ ही वे दोबारा काम कर सकती हैं।
रात में गिरफ्तार ना होने क अधिकार
इस कानून के मुताबिक महिलाओं को कोई भी पुलिस कर्मचारी सूरज ढलने यानि रात होने के बाद गिरफ्तार नहीं कर सकता है। महिला द्वारा कोई कानून तोड़ने पर भी पुलिसकर्मी को सुबह होने का इंतजार करना पड़ेगा।
काम पर उत्पीड़न होने पर शिकायत दर्ज करने का अधिकार
अगर कोई महिलाकर्मी कार्यक्षेत्र में कोई यौन उत्पीड़न का शिकार हो तो वे इसके खिलाफ शिकायत दर्ज करवा सकती हैं। ऐसे में वे अपने साथ हुए अन्याय का बदला ले सकती हैं।
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