6 अगस्त 1945 को अमेरिका ने जापान के हिरोशिमा शहर पर दुनिया का पहला परमाणु बम हमला किया था। ये हमला इतना जबरदस्त था कि कुछ ही पल में 80 हजार से ज्यादा लोगों की मौत हो गई। बम धमाकों में इतनी गर्मी थी कि लोग सीधे जल गए। एक मिनट के भीतर इस शहर का 80 फीसदी हिस्सा जलकर राख हो गया था। यहां कई दशकों तक जन्मने वाले लोगों में विकलांगता के लक्षण पाए गए थे।
हिरोशिमा शहर ने मनाई बम हमले की 78वीं बरसी
परमाणु हमले से तबाह हुआ हिरोशिमा शहर जापान के सबसे बड़े द्वीप होंशू में स्थित है. तबाही के बाद दोबारा इस शहर को बसाने में जापान ने काफी मेहनत की। हाल ही में हिरोशिमा शहर के अधिकारियों ने यूक्रेन-रूस के बीच जारी युद्ध और कोरिया में मौजूदा तनाव के मद्देनजर दुनियाभर में प्रतिरोधक के रूप में परमाणु हथियारों के लिए बढ़ते समर्थन की आलोचना की है। हिरोशिमा में रविवार को परमाणु बम हमले की 78वीं बरसी पर शहर के अधिकारियों ने हमले में मारे गए लोगों को श्रद्धांजलि देते हुए यह बात कही।
हिरोशिमा ने की थी जी-7 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी
हिरोशिमा ने दो महीने पहले ही दुनिया के सात प्रमुख औद्योगिक देशों के समूह जी-7 के शिखर सम्मेलन की मेजबानी की थी, जिसमें जी-7 के सदस्य देशों के नेताओं ने शहर के शांति पार्क और दुनिया के पहले परमाणु हमले में मारे गए लोगों को समर्पित एक संग्रहालय का दौरा कर उन्हें श्रद्धांजलि दी थी। जी-7 सदस्य देशों के नेताओं ने एक संयुक्त बयान जारी कर परमाणु हथियारों का निरंतर उपयोग न करने का आह्वान किया था। लेकिन, उन्होंने रक्षात्मक उद्देश्यों की पूर्ति, आक्रामकता को रोकने और युद्ध तथा आक्रमण को रोकने के लिए ऐसे हथियारों को रखने को भी उचित ठहराया था।
परमाणु बम के कारण कई लोग गंवा चुके हैं अपनी जान
हिरोशिमा के मेयर काजुमी मात्सुई ने स्मरणोत्सव में अपने शांति संबोधन में जी-7 के सदस्य देशों के इस रुख को खारिज कर दिया। मेयर काजुमी मात्सुई ने अपने संबोधन में कहा-‘‘ दुनिया भर के नेताओं को इस वास्तविकता का सामना करना चाहिए कि कुछ नीति निर्माताओं द्वारा परमाणु खतरों के बारे में अब जो आवाज उठाई जा रही है, वह परमाणु प्रतिरोधक क्षमता रखने के सिद्धांत की अदूरदर्शिता को उजागर करती है। उन्हें हमें वर्तमान के मौजूदा खतरों से बाहर निकाल कर हमारी आदर्श दुनिया की ओर ले जाने के लिए तुरंत ठोस कदम उठाने चाहिए। ''
1945 को तबाह हो गया था ये शहर
हिरोशिमा के गवर्नर हिदेहिको युज़ई ने जापान सहित दुनिया भर में परमाणु प्रतिरोधक क्षमता में वृद्धि को लेकर बढ़ती मांग पर सवाल करते हुए कहा- ‘‘परमाणु प्रतिरोधक क्षमता में यकीन करने वाले वे लोग, जो कहते हैं कि परमाणु हथियार शांति बनाए रखने के लिए अपरिहार्य हैं, वे परमाणु निरस्त्रीकरण की दिशा में प्रगति में केवल देरी कर रहे हैं।'' अमेरिका द्वारा छह अगस्त, 1945 को हिरोशिमा पर गिराए गए परमाणु बम ने शहर को पूरी तरह से तबाह कर दिया था और उसमें 1,40,000 लोग मारे गए थे। इसके तीन दिन बाद नागासाकी पर गिराए गए दूसरे बम में 70,000 लोग मारे गए थे। जापान ने 15 अगस्त, 1945 को आत्मसमर्पण कर दिया, जिससे द्वितीय विश्व युद्ध समाप्त हो गया।