नवरात्रि के पावन दिन हर साल 2 बार आते हैं। इस दौरान लोग पूरी तरह से देवी दुर्गा की भक्ति में खो जाते हैं। पूरे नौ दिनों तक चलने वाले इस त्योहार में मां दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता रानी की पूजा से पहले कुछ बातों का खास ध्यान रखने की जरूरत होती है। नहीं तो देवी मां की नाराजगी का सामना करना पड़ सकता है। चलिए आज हम आपको इस आर्टिकल में देवी दुर्गा का आशीर्वाद पाने के लिए नवरात्रि पूजा से जुड़े कुछ खास नियम बताते हैं...
नवरात्रि में ऐसे करें पूजा
घर के मुख्य दरवाजे पर बनाएं स्वास्तिक बनाएं
किसी भी धार्मिक कार्य में घर के मेन गेट पर स्वास्तिक का निशान बनाना शुभ माना जाता है। इसलिए आप भी घर के मुख्य दरवाजे पर हल्दी, चूना व रोली से स्वास्तिक बनाएं। मान्यता है कि हल्दी से बना स्वास्तिक कुंडली में बृहस्पति की स्थिति मजबूत करता है। चूना से बना स्वास्तिक चंद्र ग्रह मजबूत करता है । ऐसे में जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती है। वहीं रोली से बना स्वास्तिक शुक्र और सूर्य ग्रह मजबूत होता है। इससे जीवन में सकारात्मकता आती है।
इन दिशा में हो मंदिर की वेदी
नवरात्रि के पावन दिनों में देवी दुर्गा के नौ रूपों की पूजा की जाती है। इस दौरान इस बात का ध्यान रखें कि मंदिर की वेदी उत्तरी-पूर्वी दिशा में हो। पूजा करने से व आसन ग्रहण करने से पहले उस स्थान को भी अच्छे से साफ करें। उसके बाद ही देवी मां की पूजा करें। पूजा के समय अपना चेहरा पूर्व दिशा की ओर रखें।
यहां स्थापित करें मां दुर्गा की मूर्ति
मां की प्रतिमा स्थापित करने से पहले उनके आसन का ध्यान रखें। माता रानी की मूर्ति को चंदन की चौकी पर स्थापित करें। चंदन वातावरण को शुद्ध करने का काम करता है। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। जीवन से तनाव दूर होकर एकाग्रता शक्ति बढ़ती है। इसके अलावा आप चंदन की लकड़ी की जगह चांदी से तैयार चौकी भी इस्तेमाल कर सकती है। चांदी को बेहद शुभ धातु माना जाता है। इससे कुंडली में चंद्र ग्रह मजबूत होने में मदद मिलती है।
वेदी पर बिछाएं इस रंग का कपड़ा
माता की वेदी पर लाल रंग का कपड़ा बिछाएं। लाल रंग को सुख-समृद्धि, खुशहाली व अच्छे भाग्य का प्रतीक माना जाता है। इससे जीवन में उत्साह आता है। साथ ही एकाग्रता शक्ति मजबूत होने से काम करने की शक्ति बढ़ती है।
ऐसा हो कलश
नवरात्रि में कलश की स्थापना भी की जाती है। इसकी स्थापना मंदिर के उत्तरी-पूर्वी दिशा में करें। इसके साथ ही इसमें एक सिक्का व सुपारी डालकर पानी भरें। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मिट्टी का कलश सबसे शुभ माना जाता है। इससे कुंडली में बुध ग्रह मजबूत होता है। इसके अलावा आप ब्रास, चांदी, सोना धातु के कलश की स्थापना भी कर सकती है।
इन बातों का रखें ध्यान
मां दुर्गा की ऐसी मूर्ति लेने से बचें
अगर आप घर पर माता की मूर्ति की स्थापना करने वाले हैं तो देवी मां की प्रतिमा ज्यादा बड़ी ना लाए। मूर्ति को किचन में स्थापित करने से बचें। इसके साथ ही पूजा के दौरान अपना चेहरा पूर्व दिशा की ओर रखें।
ऐसा ना हो कलश
धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, मिट्टी का घड़ा स्थापित करना शुभ माना जाता है। इसके अलावा आप चाहे तो अपनी इच्छा अनुसार ब्रास, चांदी या सोने का कलश भी स्थापित कर सकते हैं। मगर इन धातुओं के अलावा किसी अन्य धातु का कलश स्थापित करने से बचें।
महिलाएं ऐसा करने से बचें
नवरात्रि पूजा दौरान महिलाओं को बाल बांधकर ही मंदिर जाना चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, बाल खोलकर पूजा करने से महिलाओं को शनि ग्रह का नकारात्मक असर पड़ सकता है।