नारी डेस्क: प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को अपनी सेहत का खास ध्यान रखना पड़ता है। इस समय शरीर में कई तरह के बदलाव होते हैं और इन बदलावों के कारण महिला का शरीर ज्यादा थकान और दबाव महसूस करता है। इसलिए एक्सरसाइज करना भी जरूरी है, लेकिन ज्यादा एक्सरसाइज करना किसी भी महिला के लिए सुरक्षित नहीं होता। इसलिए हम आपको बताएंगे कि प्रेग्नेंसी में ज्यादा एक्सरसाइज करने से मां और शिशु दोनों पर क्या असर हो सकते हैं।
प्रेग्नेंसी में ज्यादा एक्सरसाइज करने के नुकसान
प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को बहुत ज्यादा एक्सरसाइज नहीं करनी चाहिए। यह गर्भ में पल रहे शिशु के लिए नुकसनदायक हो सकता है और इसका शिशु के किस पर भी नेगेटिव असर पड़ सकता है, जैसे
शारीरिक थकान और कमजोरी
प्रेग्नेंसी के दौरान शरीर में हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे महिला की एनेर्जी का लेवल घट सकता है। ज्यादा एक्सरसाइज करने से शरीर पर ज्यादा दबाव पड़ता है, जिससे थकान और कमजोरी महसूस हो सकती है। यह थकान शरीर को सही से काम करने नहीं देती, और महिला को आराम की जरूरत होती है।
दर्द होना
प्रेग्नेंसी के दौरान हड्डियों, कमर और पीठ में दर्द होना बहुत नॉर्मल होता है। ऐसा खासकर, उन महिलाओं के साथ होता है, जिनका दूसरा या तीसरा महीना चल रहा होता है। असल में, जैसे-जैसे प्रेग्नेंसी के दिन चढ़ते रहते हैं, वैसे-वैसे गर्भ में पल रहे शिशु का भार बढ़ने लगता है। उसका दबाव पेट के निचले हिस्से पर पड़ने लगता है। इससे पीठ और कमर भी असर पड़ता है। वहीं, अगर महिला बहुत ज्यादा एक्सरसाइज करती है, तो इससे उन्हें जोड़ों, कमर और पीठ का दर्द बढ़ सकता है। जाहिर है, इससे महिला की असहजता बढ़ सकती है
मिसकैरेज का खतरा
ज्यादा भारी एक्सरसाइज करने से गर्भपात (मिसकैरेज) का खतरा बढ़ सकता है। विशेष रूप से पहले तीन महीने में जब शिशू का विकास हो रहा होता है, तो ज्यादा शारीरिक दबाव से गर्भपात होने की संभावना रहती है।
वेजाइनल ब्लीडिंग
प्रेग्नेंसी में योनि से ब्लीडिंग होना बिल्कुल सही नहीं है। यह कई गंभीर स्थिति की ओर इशारा करता है। इसलिए, अगर किसी महिला के साथ ऐसा हो, तो उन्हें तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। लेकिन, अगर आप नोटिस करें कि एक्सरसाइज करते हुए आपको वेजाइनल ब्लीडिंग हो गई है, यह भी खराब स्वास्थ्य का लक्षण हो सकता है। वेजाइनल ब्लीडिंग होने पर आपको तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए। यह शिशु के स्वास्थ्य पर नेगेटिव असर डाल सकता है।
स्मॉल हेड साइज (बहुत छोटा सिर)
कुछ शोधों के अनुसार, अगर प्रेग्नेंसी के दौरान ज्यादा शारीरिक मेहनत की जाती है, तो शिशु का सिर सामान्य आकार से छोटा हो सकता है, जो बाद में शारीरिक और मानसिक विकास में समस्या उत्पन्न कर सकता है।
मानसिक तनाव और चिंता
अगर कोई महिला ज्यादा एक्सरसाइज करती है तो उसे शारीरिक और मानसिक रूप से ज्यादा थकावट हो सकती है। इससे मानसिक तनाव और चिंता की स्थिति उत्पन्न हो सकती है, जो न केवल महिला की सेहत के लिए बल्कि शिशु के लिए भी हानिकारक हो सकता है।
सही एक्सरसाइज का चयन करें: प्रेग्नेंसी में किसी भी प्रकार की शारीरिक गतिविधि करने से पहले डॉक्टर से सलाह लेना जरूरी है। महिलाओं को हल्की, सुरक्षित और नियमित एक्सरसाइज जैसे कि पैदल चलना, तैराकी, योग और स्ट्रेचिंग की सलाह दी जाती है। यह शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य को बेहतर बनाए रखने में मदद करता है।
याद रखें, हर प्रेग्नेंट महिला का शरीर अलग होता है और उन्हें अपनी सेहत के हिसाब से ही एक्सरसाइज करनी चाहिए।