होली के त्योहार को लेकर लोग काफी उत्सुक रहते हैं। इस बार होली 8 मार्च को मनाई जा रही है। भारत में होली को मनाने की परंपरा काफी मजेदार है। होली रंगों का त्यौहार है, जिसे लोग रंग और पानी के साथ मनाते हैं। इस मस्ती और उमंग से भरे पर्व को लेकर लोग पहले से तैयारियां शुरु कर देते हैं। लेकिन होली खेलने के दौरान कुछ बातों का ध्यान न देने से रंग में भंग भी पड़ सकता है। होली का पर्व रंगों के साथ मनाने के लिए सही फैब्रिक और कपड़ों का चयन करना जरूरी है। लेकिन कई बार होली खेलने के लिए लोग ऐसे कपड़ों को पहन लेते हैं, जिससे उन्हें शर्मिंदगी का सामना करना पड़ जाता है। ऐसे में होली के मौके पर सोच समझ कर कपड़े पहनें। इसमें कपड़ों के रंग, फैब्रिक और कई बातों का ध्यान दें...
बहुत पुराने कपड़े
अक्सर लोग रंग खेलने के लिए अपने पुराने कपड़ो का ही चयन करते हैं। लेकिन कपड़ों का चयन करते समय इस बात का ध्यान रखें कि वह बहुत ज्यादा पुराने और घिसे हुए न हों। अधिक पुराने कपड़े कमजोर होने के कारण रंग लगाने के चक्कर में फट सकते हैं या फिर सिलाई खुल सकती है। इस स्थिति में आपको शर्मिंदगी का सामना करना पड़ सकता है।
पारदर्शी कपड़े
होली खेलने के लिए अगर आप कुर्ती या टॉप पहनने रही हैं तो ध्यान रखें कि कपड़े का फैब्रिक पारदर्शी या बहुत अधिक पतला न हो। अगर अबीर-गुलाल यानी सूखे रंगों के साथ होली खेलनी हो, तब इस तरह के कपड़ों में परेशानी नहीं होगी लेकिन अगर पानी वाली होली खेल रही हैं तो इस तरह के कपड़े गीले होने के बाद आपके लिए असहज और शर्मिंदगी की वजह बन सकते हैं। होली में मोटे फैब्रिक का चयन करें। काॅटन का फैब्रिक होली खेलने के लिए सबसे अच्छा होगा। कॉटन के कपड़े जल्दी सूखते हैं और मोटे व पहनने में कंफर्टेबल भी रहते हैं।
फिटिंग के कपड़े
आम दिनों में शरीर की फिटिंग के कपड़े अच्छे लगते हैं लेकिन होली खेलने के लिए फिटिंग के कपड़े पहनना गलत निर्णय हो सकता है। क्योंकि आपके फिटिंग के कपड़ों पर होली में पानी पड़ने से वह भीग जाएंगे और शरीर का पोस्चर खराब दिखने लगेगा। फिटिंग के गीले कपड़ों में आप देखने में तो भद्दे लगेंगे ही, साथ ही चिपके कपड़े आपकी त्वचा पर एलर्जी और रैशेज का कारण भी बन सकते हैं।
साड़ी
वैसे तो साड़ी बहुत ही प्यारा और स्टाइलिश आउटफिट है लेकिन होली खेलने के लिए साड़ी अनकंफर्टेबल हो सकती है। होली में पानी पड़ने के बाद साड़ी गीली हो जाती है, जो पहने रखने में असहज होती है। वहीं होली मस्ती मौज का त्योहार है, तो अक्सर रंग लगाने और बचने के चक्कर में साड़ी खुलने का डर भी रहता है। इसलिए होली खेलनी हो तो साड़ी पहनने से बचें।