कोरोना वायरस संक्रमण को रोकने के लिए लागे लॉकडाउन की वजह से देश की आबोहवा बदल गई। लॉकडाउन में पॉल्यूशन कम हो गया। वहीं इस दौरान देश में 364 जानवरों और 180 पौधों की खोज की गई है। हाल ही में सामने आई ज़ूलॉजिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (ZSI) और बोटैनिकल सर्वे ऑफ़ इंडिया (BSI) की रिपोर्ट में इस बात का खुलासा किया गया है।
खोज निकाली 544 प्रजातियां
पौधों और जानवरों की खोज को लेकर किए गए सर्वे में सामने आया है कि पिछले साल देश में 544 प्रजातियों को खोजा गया है। जिनमें पश्चिमी घाटों के चट्टान पर रहने वाले जेको एंडेमिक, झारखंड के खेतों में खोजा गया एक खतरनाक मेढ़क, स्पैरोथेका मगध, Enoplotrupes tawangensis, नागालैंड में कोहिना चिड़ियाघर के पीछे जंगल से खोजा गया एक जंगली किस्म का अदरक Amomum nagamiense, और Pteris subiriana एक जंगली फ़र्न मसाला है जो न केवल केरल में बल्कि तमिलनाडु और महाराष्ट्र में भी पाया गया है।
पश्चिम बंगाल के हावड़ा में आचार्य जगदीश चंद्र बोस भारतीय वनस्पति उद्यान में एक कार्यक्रम के दौरान केंद्रीय राज्य मंत्री, पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्री बाबुल सुप्रियो द्वारा प्रकाशन जारी किया गया। Animal Discoveries 2019 के मुताबिक 368 पशु प्रजातियों को विज्ञान में नई और 116 प्रजातियों को भारत में पहली बार देखा गया है।
बीएसआई के डायरेक्टर डॉ ए.ए. माओ ने कहा, 'इस साल नई खोजों के बीच, इस वर्ष की नई खोजों में बागवानी मूल्य के साथ पौधे भी हैं जो वैकल्पिक खाद्य पदार्थों के रूप में काम कर सकते हैं। साल 2019 की बीएसआई रिपोर्ट के मुताबिक भारत में पाए जाने वाले पौधों की प्रजातियों की संख्या 50,012 है जो दुनिया में सभी वनस्पतियों की प्रजातियों का 12% है। ZSI और BSI दोनों 2007 से पशु की खोज और पौधों की खोज को जारी कर रहे हैं और यह श्रृंखला का 13वां प्रकाशन है। पिछले एक दशक के डेटा विश्लेषण से पता चला है कि देश में कुल 2,444 नई पशु प्रजातियों और 3500 पौधों की प्रजातियों का पता प्राप्त होती हैं।'