आज धनतेरस का पावन त्योहार है। इस दिन लोग सोना-चांदी, बर्तन, कलश, कपड़े, सूखा धनिया और झाड़ू आदि खरीदते हैं और भगवान धन्वंतरि की पूजा की जाती है। मगर, सिर्फ सोना-चांदी ही नहीं बल्कि सेहत से भी धनतेरस का गहरा कनैक्शन है और आज हम आपको उसी के बारे में बताएंगे।
धनतेरस और सेहत में क्या है संबंध?
पौराणिक कथाओं के अनुसार, इसी दिन भगवान धनवंतरि समुद्र मंथन से अमृत का कलश व आयुर्वेद लेकर प्रकट हुए थे इसलिए भगवान धनवंतरी को औषधि का जनक भी कहा जाता है।
अब आपको बताते हैं सोने के सेहत से जुड़े फायदे
सोना स्वास्थ्य सिर्फ सजावट की वस्तु नहीं है बल्कि सेहत के लिए भी फायदेमंद है। दवाईयों के साथ-साथ मिठाईयों पर सोने के वर्क का यूज होता है। वहीं, आयुर्वेद में सोने की भस्म इस्तेमाल कई स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां दूर करने के लिए होता है। इससे मानसिक से लेकर दिल तक की बीमारियों का इलाज शामिल है।
सोने की भस्म के अन्य फायदे
1. सोने की भस्म आंख निकलना, मधुमेह, गठिया, अस्थमा में किसी औषधी से कम नहीं है।
2. इसे लगाने से त्वचा रोग, सूजन, त्वचा में लालपन, जलन और खुजली दूर हो जाती है। साथ ही इससे स्किन ग्लोइंग भी होती है।
3. स्वर्ण भस्म एकाग्रता और याददाश्त बढ़ाने, अल्जाइमर, पार्किसन्स के इलाज में भी कारगार है।
4. कोरोना काल में इम्यूनिटी बढ़ाने के लिए भी स्वर्ण भस्म बहुत फायदेमंद है।।
5. बैक्टीरियल बीमारियों के अलावा यह कैंसर से बचाने में भी मदद करती है
6. आंखों में होने वाले संक्रमण जैसे आंख आना, खुजली, जलन, सूजन के लिए भी इसका इस्तेमाल किया जा सकता है।
7. डायबिटीज मरीजों के लिए भी यह रामबाण है क्योंकि इससे ब्लड शुगर कंट्रोल में रहती है।
8. स्वर्ण भस्म में खनिज होते हैं जो बांझपन, फर्टिलिटी से जुड़ी परेशानियों को दूर करते हैं।
ध्यान में रखें ये बातें...
1. स्वर्ण भस्म सोने से बना होता है इसलिए लिमिट से अधिक इसका सेवन कई प्रकार की स्वास्थ्य संबंधी परेशानियां भी खड़ी कर सकती है। इससे पेट में दर्द, आंतो की सूजन, पेट में ऐंठन, शारीरिक कमजोरी और थकान हो सकती है।
2. 9 महीने से ज्यादा स्वर्ण भस्म ना लें और हमेशा चिकित्सक की सलाह से ही इसे खाएं। इसे बच्चों की पहुंच से दूर रखें।